विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान के श्री भुवन चन्द्र, संगठन मंत्री, डा0 रजनीकांत शुक्ल, प्रदेश मंत्री श्री सत्यप्रसाद बंगवाल, प्रदेश निरीक्षक, श्री अभिषेक वर्मा निदेशक संयुक्त रूप से पत्रकार वार्ता में विचार व्यक्त करते हुए

देहरादून। विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान के श्री भुवन चन्द्र, संगठन मंत्री, डा0 रजनीकांत शुक्ल, प्रदेश मंत्री श्री सत्यप्रसाद बंगवाल, प्रदेश निरीक्षक, श्री अभिषेक वर्मा निदेशक पृथ्वी कुल ने संयुक्त रूप से पत्रकार वार्ता में विचार व्यक्त करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में अनेक नई व्यवस्थाऐं की गई है। पूर्व प्राथमिक कक्षा से लेकर माध्यमिक और उच्च शिक्षा तक अनेक रचनात्मक बदलाव किये गये है। सम्बन्धित मंत्रालय का नाम मानव संसाधन मत्रालय से बदल कर पुनः शिक्षा मंत्रालय किया गया है। राज्य स्तर पर स्कूली शिक्षा के सफल क्रियान्वयन के लिए स्टेट स्कूल रेगुलेटरी अथोरिटी के गठन का प्रावधान किया गया है,जबकि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के स्थान पर अब भारत उच्च शिक्षा आयोग एकल निकाय के रुप में काम करेगा।
संगठन मंत्री भुवन चन्द्र ने कहा कि नई नीति के अनुसार अब शिक्षा पर सकल घरेलू उत्पाद का 6 प्रतिशत खर्च होगा तथा दो करोड़ के लगभग ड्राप आउट बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ा जायेगा। स्कूली शिक्षा 15 वर्ष के बजाय 18 वर्ष में पूरी होगी। नई व्यवस्था में बोर्ड की परीक्षा कक्षा 12वीं में होगी। 10वीं की बोर्ड परीक्षा को समाप्त कर दिया गया है। इसी प्रकार स्नातक कक्षा अब चार साल की होगी मगर केवल प्रथम वर्ष पूर्ण करने वाले को सर्टिफिकेट, दो वर्ष पर डिप्लोमा व तीन वर्ष पर डिग्री का प्रमाण पत्र मिलेगा, जो चार वर्ष पूर्ण कर लेंगे उन्हें स्नातकोत्तर कक्षा में एक वर्ष ही अध्ययन करना होगा इस प्रकार नई नीति में अनेक आमूल-चूल परिवर्तन नई व्यवस्थाऐं की गई है जिनको जानना राष्ट्र हित में सभी के लिए जरुरी है।
पत्रकार वार्ता में कहा कि 34 वर्ष के लम्बे अन्तराल के पश्चात केन्द्र सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति का नया प्रारुप लेकर आयी है। भारतीय जनता पार्टी ने 2014 के चुनावी घोषणा पत्र के अनुरुप मोदी सरकार ने जून 2017 में इसरो प्रमुख के0 कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जिसने मई 2019 में शिक्षा नीति का प्रारुप तैयार किया जिसपर राष्ट्रव्यापी सुझाव व परामर्श प्रक्रिया के पश्चात 29 जुलाई 2020 को कैबिनेट में पास कर केन्द्र सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को मंजूरी दी।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य देश को अच्छे नागरिक और विद्यार्थी देना है। इसके लिए नए शिक्षक तैयार करना है, जो विद्यार्थिर्यों को अपनी जड़ों (सनातन संस्कृति) से जोड़े और उन्हें ग्लोबल सिटिजन भी बनायें। इस तरह नित्य नूतन चिर पुरातन की कल्पना के साथ एक नई सदी तैयार करना है जिसमें भारत विश्व गुरु के आसन पर प्रतिष्ठि हो।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विभिन्न प्रस्तावों, संशोधनों एवं मुद्दों पर जन-जागरण की दृष्टि से विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान जो देश भर में पच्चीस हजार से ज्यादा और उत्तराखण्ड में 650 विद्यालय संचालित करता है व जिसकी शिक्षा के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान है। विद्या भारती नई शिक्षा नीति को लेकर विविध प्रतियोगिताओं का आयोजन तय किया है। 25 सितम्बर से 02 अक्टूबर तक चलने वाली इन प्रतियोगिताओें में तीन वर्ग बनायें गये है, जिनमें क्रमशः कक्षा 9 से 12, स्नातक एवं स्नातकोत्तर छात्र तथा सामान्य नागरिक भी भाग ले सकते हैं। प्रत्येक समूह में आॅनलाईन क्विज व 5-5 अन्य प्रतियोगिताऐं शामिल है। कक्षा 9 से 12 वर्ग के लिए भाषण प्रतियोगिता, हस्त निर्मित पोस्टर प्रतियोगिता, प्रधानमंत्री के नाम पत्र, 300 शब्दों का निबन्ध तथा मीम बनाओ प्रतियोगिता शामिल हैं। इसी प्रकार शेष दो वर्गाें के लिए लघु चल चित्र, डिजिटल पोस्टर, हस्त निर्मित पोस्टर, ट्विटर थ्रैड तथा मीम बनाओं प्रतियोगिताओं को रख गया है। उक्त सभी प्रतियोगिताऐं हिन्दी, अंग्रजी व संस्कृत सहित 13 भाषाओं में होंगी। इन सभी प्रतियोगिताओं की थीम भारत केन्द्रित शिक्षा, समग्र शिक्षा, ज्ञान आधारित समाज तथा गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा पर आधारित होगी। 11 सितम्बर को इवेंट के उद्घाटन के साथ 24 सितम्बर तक प्रतिभागियों का आॅन लाईन पंजीकरण होगा तथा 25 सितम्बर से 02 अक्टूबार तक प्रतियोगिता हेतु कटेंट (सामग्री) पोस्ट करना होगा। प्रत्येक वर्ग में विजेयताओं को प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार के साथ 10 विशेष उल्लेख पुरस्कार प्रदान किये जायेगें जिनकी राशि क्रमशः 10, 5, 3 व एक हजार रुपये होगी।