सेवा का संस्‍कार इंसान को संवेदनशील बनाता है : दत्तात्रेय होसबले
बरेेेली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले ने कहा कि सबके जीवन व्‍यवहार में सेवा का भाव होना चाहिए। सेवा का संस्‍कार इंसान को संवेदनशील बनाता है। सेवा से समाज में संगठन का भाव पैदा होता है। सबको साथ लेकर चलने के संकल्‍प के साथ संघ का ध्‍येय सेवा है। संघ समाज में सेवा कार्यों के माध्यम से परिवर्तन लाता है।
उन्होंने कहा कि पूरे देश में हर स्वयंसेवक का घर एक कार्यालय होता है। ऐसे कई लाख कार्यालय संचालित होते हैं। केशव कृपा एक मंदिर के स्वरूप में है और इसके माध्यम से समाज की बड़ी सेवा की जा सकती है। देश दुनिया में जहां सरकारें विभिन्न काम समाज के लिए करती हैं, वहीं भारत में समाज स्वयं सेवा कार्य करता है।
स्‍वयंसेवकों ने समाज के सहयोग से बरेली में केशव कृपा केन्‍द्र को तैयार किया है। इसमें योग और ध्‍यान केन्‍द्र के अलावा एलोपेथिक, होम्‍योपेथिक और आयुर्वेद चिकित्‍सा की व्‍यवस्‍था भी की गई है। बाहर से आने वाले स्‍वयंसेवक यहां विश्राम कर सकेंगे। केशव कृपा में मौजूद सुविधाओं का इस्‍तेमाल सबको समाज हित में करना चाहिए।
सह सरकार्यवाह जी ने पूजा अर्चना के साथ रामपुर गार्डन स्‍थ‍ित रामानुज दयाल सरस्वती शिशु मंदिर परिसर में बने केशव कृपा भवन का लोकार्पण किया। सह सरकार्यवाह लोकार्पण समारोह में संबोधित कर रहे थे।
कार्यक्रम में उपस्थित शारदा पीठाधीश्‍वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी राज राजेश्वराश्रम जी महाराज ने कहा कि भगवान राम की कृपा से केशव कृपा का सपना साकार हुआ है। देश दुनिया में सभी यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी ऑफ आर्ट्स होती है. इसी प्रकार का यह एक बड़ा विश्वविद्यालय है, जिसे हम यूनिवर्सिटी ऑफ हार्ट्स कहते हैं। जिस प्रकार बड़े दार्शनिक सिद्धांतों तथा कठिन तत्वज्ञान को कबीर दास और गोस्‍वामी तुलसी दास ने दोहा चैपाइयों के माध्यम से सरल रुप में सबके समक्ष प्रस्तुत किया। उसी प्रकार संघ के कार्यकर्ताओं ने कठिन परिस्थितियों में भी सहज भाव से कार्य करते हुए इसे विश्व का सबसे बड़ा संगठन बनाया है।
अखिल भारतीय सह संपर्क प्रमुख रामलाल जी ने कहा कि संघ स्वयं कुछ भी नहीं करता, परंतु उसके स्वयंसेवक समाज हित एवं राष्ट्र हित के लिए कुछ भी करना नहीं छोड़ते। उसी श्रृंखला में आज जिन केंद्रों का लोकार्पण हुआ है, वह सभी स्वयंसेवकों द्वारा समाज को अर्पित हैं। स्वयंसेवकों में परोपकार का कोई भी अहंकार नहीं होता है। केशव कृपा सेवा प्रकल्प केन्द्र को एक नवीन शक्ति केंद्र के रूप में विकसित करने का आह्वान किया।