14 Mar 2025, Fri

रामनगर: रिहायशी इलाकों में आ रहे हैं वन्यजीव, दहशत का माहौल

रामनगर। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की सीमा से सटे आबादी वाले इलाकों में वन्यजीवों की गतिविधियां तेज हो गई हैं। ऐसे में वन्यजीवों और मानव के बीच संघर्ष देखने को मिल रहा है, जिस कारण लोगों में दहशत का माहौल व्याप्त है। वहीं पार्क के अधिकारी इस पर चिंता जाहिर करते हुए समाधान तलाशने की बात कर रहे हैं। कॉर्बेट फाउंडेशन के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. हरेंद्र सिंह बरगली कहते हैं कि वन्यजीव जंगल की ओर रुख नहीं कर रहे हैं, बल्कि पहले से ही यह इलाका उनका प्राकृतिक आवास रहा है।
कॉर्बेट के आसपास के गांव जंगलों के बीच में स्थित हैं। लेकिन, हम अगर पिछले 10 सालों की बात करें तो कंजरवेशन के कारण जंगली जानवरों की संख्या में बढ़ोत्तरी होने के साथ ही गांवों में आबादी भी बढ़ी है। इस कारण टकराव होना लाजमी है। हरेंद्र रावत कहते हैं कि वन्यजीव और मानव संघर्ष को रोकने के लिए अभी भी समय है। इसके लिए वन्यजीवों के कॉरिडोर्स (रास्तों) को बचाना होगा। उन्होंने कहा कि जब तक ये कॉरिडोर्स नहीं बचाए जाएंगे, तब तक कोई बड़ी सफलता नहीं मिल सकती है। वन्यजीव प्रेमी करन बिष्ट का मानना है कि जंगल में अधिकतर सागौन के पेड़ हैं। लेकिन, किसी जमाने में वहां आम, आंवला और जामुन के पेड़ थे। उस वक्त मिक्स फॉरेस्ट को काटकर सागौन के पेड़ लगा दिए गए। जबकि, सागौन किसी पक्षी या जानवर का चारा नहीं है। ऐसे में हिरन जंगलों से निकलकर गांव की ओर जा रहे हैं। उनके पीछे तेंदुआ और बाघ भी आबादी की तरफ आ रहे हैं, जिससे इंसानों और जानवरों में टकराव हो रहा है। रिंगोड़ा गांव के ग्राम अध्यक्ष देवेंद्र रावत कहते हैं कि रात होते ही घरों से बाहर निकलना दूभर हो गया है। आए दिन बाघ, कुत्तों को निवाला बना रहे हैं। हाथी लगातार आबादी की तरफ आ रहे हैं। देवेंद्र कहते हैं कि पहले इतना डर नहीं था, लेकिन अब जानवर गांव की तरफ ज्यादा आ रहे हैं। वहीं कॉर्बेट के निदेशक राहुल कुमार का कहना है कि टाइगर रिजर्व के आसपास रामनगर वन प्रभाग, तराई पश्चिमी वन प्रभाग, कॉर्बेट लैंड स्केप से लगा हुआ है। इन सभी फारेस्ट डिवीजन में हाई डेंसिटी वाइल्ड लाइफ पाई जाती है। यहां के जंगलों में टाइगर, गुलदार, हाथी और अन्य जीव-जंतु रहते हैं.उन्होंने कहा कि जंगली जानवरों का मूवमेंट आबादी की तरफ लगातार बढ़ने से वन विभाग चिंतित है। विभाग भी जंगली जानवरों का मूवमेंट आबादी वाले इलाकों में कम हो इसको लेकर सख्त कदम उठाएगा। ताकि मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं कम हो सकें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *