देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आज वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम एवं बचाव के लिए जनपदों में किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की।
शनिवार को सचिवालय में आयोजित वर्चुअल समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने सभी जनपदों के जिलाधिकारियों को कोविड-19 का डेथ रेट कम करने के निर्देश दिए। साथ ही शहरी क्षेत्रों में सैंपल लेने के 24 घंटे के अंदर तथा ग्रामीण क्षेत्र में 48 घंटे के अंदर कोरोना की रिपोर्ट देना सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्दियों में परेशानियां बढ़ सकती हैं। आगामी हरिद्वार कुंभ के अलावा योग महोत्सव व पर्यटन की गतिविधियों के कारण आने वाले माह चुनौतीपूर्ण होंगे। इन सबको ध्यान में रखते हुए कोविड से बचाव के जागरूकता अभियान चलाये जाएं। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को कोरोना टेस्टिंग बढ़ाने के भी निर्देश दिए।
उन्होंंने कहा कि अभी भी कोरोना संक्रमण का खतरा टला नहीं है लिहाजा कोरोना से बचाव के लिए लोगों को जागरूक किया जाय कि किसी भी प्रकार के लक्षण दिखने पर कोविड कन्ट्रोल रूम एवं टोल फ्री नम्बर पर कॉल करने के लिए प्रेरित किया जाय। जो लोग होम आईसोलेशन में हैं, उनके नियमित स्वास्थ्य की जानकारी ली जाय एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा विजिट किया जाय। उन्होंंने कहा कि कोविड के लक्षण पाये जाने पर भी यदि कोई टेस्ट कराने के लिए मना कर रहें है, तो ऐसे लोगों पर सख्ती बरती जाय। जब तक कोरोना की वैक्सीन नहीं आती है, तब तक पूरी सतर्कता बरती जाय।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी कोविड के मरीज को हायर सेंटर रेफर किया जाना है, तो इसमें बिल्कुल भी विलम्ब न किया जाय। रिकवरी रेट बढ़ाने के लिए और प्रयासों की जरूरत है। उन्होंंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि जिलों में टेस्टिंग और तेजी से बढ़ाई जाय। आरटीपीसीआर टेस्ट पर विशेष ध्यान दिया जाय। यह सुनिश्चित किया जाय कि सैंपल लेने के बाद शहरी क्षेत्रों में 24 घण्टे के अन्दर व पर्वतीय क्षेत्र में 48 घण्टे के अन्दर लोगों को कोविड की रिपोर्ट मिल जाय। मास्क न लगाने पर जिन लोगों के चालान किये जा रहे हैं, उनको मास्क जरूर उपलब्ध हो। हमारा उद्देश्य कोविड से लोगों को बचाना है, न कि चालान कर राजस्व वसूलना। बिना मास्क दिये चालान करने वालों पर सख्त कारवाई की जायेगी।
वीसी मे मौजूद मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा कि कोरोना वैक्सिनेशन के लिए भी पूरी तैयारी कर ली जाय। उन्होंंने कहा कि जिला टास्क फोर्स एवं ब्लॉक टॉस्ट फोर्स की नियमित बैठकें की जाय। सभी को-मॉर्बिड, ओल्ड ऐज, प्रेग्नेंट महिलाओं, हैल्थ एवं फ्रंट लाईन वर्कर का पूरा डाटा रखा जाय। उन्होंंने कहा कि वैक्सीनेशन को ध्यान में रखते हुए मानव संसाधन की अभी से पूरी व्यवस्था रखी जाय। ओल्ड ऐज एवं को-मार्बिड लोगों को यदि कोई लक्षण आतें है तो उन्हें होम आइसोलेशन के बजाय अस्पताल में भर्ती होने के लिए प्रेरित किया जाय। डीजी लॉ एण्ड ऑर्डर अशोक कुमार ने कहा कि पर्यटक स्थलों एवं भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर कोरोना से बचाव के लिए पुलिस विभाग के अधिकारियों को विभिन्न माध्यमों से जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिये।