जब भी हम संस्कार विहीन हुए तब ही हम कमजोर हुए
रूड़की। कोविड-19 के प्रतिबंधों से उत्पन्न बदली परिस्थितियों में आज वासुदेव लाल मैथिल सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज ब्रह्मपुर,रुड़की (हरिद्वार) के तत्वावधान में अभिभावक सम्मेलन का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ डा. कल्पना सैनी, उपाध्यक्ष ओ.बी.सी आयोग उत्तराखंड, राजेश शाह थानाध्यक्ष कोतवाली सिविल लाइन रुड़की, विनोद रावत सह प्रदेश निरीक्षक शिशु शिक्षा समिति उत्तराखंड एवं डा. अनिल शर्मा राष्ट्रीय कवि, शिक्षाविद एवं मंत्री शिशु शिक्षा समिति उत्तराखंड ने कार्यक्रम का उद्घाटन संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया गया।
अभिभावक सम्मेलन के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए  विनोद रावत सह प्रदेश निरीक्षक शिशु शिक्षा समिति उत्तराखंड ने कहा कि कोरोना वायरस एक अजात शत्रु है, इससे पार पाना अभी मुश्किल है। भारत सहित पूरा विश्व इस संक्रमण की कैद में है। सरकार की गाइड लाइन के अनुसार पिछले आठ माह से भी अधिक समय से छात्र प्रत्यक्ष शैक्षिक गतिविधियों से वंचित है इस कालखंड में विद्या भारती संगठन एवं विद्यालय के आचार्य परिवार आपके पाल्यों के नियमित शिक्षण एवं अन्य शैक्षिक गतिविधियों की बराबर चिंता कर रहा है। उन्होंने ने कहां कि पूरे देशभर में विद्या भारती द्वारा संचालित पूर्णरुप से समाज पर आधारित विद्यालय हैं। सम्पूर्ण प्रदेश के विद्यालयों का कार्य अभिभावकों के सहयोग पर ही निर्भर है।
राजेश शाह थानाध्यक्ष कोतवाली सिविल लाइन रुड़की हरिद्वार ने कहा कि माता-पिता अपने बच्चों को समयाकूल सुविधा के साथ-साथ अच्छे संस्कार,अच्छे विचार,अच्छी संगत पर भी ध्यान दें।
डा. अनिल शर्मा शिक्षाविद, अध्यक्ष माध्यमिक शिक्षक संघ एवं मंत्री शिशु शिक्षा समिति उत्तराखंड ने कहा कि अगर कोविड-19 संक्रमण काल में सबसे ज्यादा प्रभावित अगर कोई हुआ है, तो वो निजी विद्यालयों का प्रबंध तंत्र एवं निजी विद्यालयों में पढ़ाने वाला अध्यापक हुआ है। इस विपत्ति के समय में अभिभावकों को विद्यालय में निजी विद्यालयों में कार्यरत अध्यापकों के बारे में भी सोचना होगा। उन्होंने ने कोरोना संक्रमण बचाव में जन समूह को जागरूक करते हुए कहां कि कोरोना का संकट अभी टला नहीं है आजकल शादी विवाह का सीजन चल रहा है हम स्वयं अथवा अपने पाल्यों को भीड़-भाड़ वाले बचायें।
कोरोना काल में शैक्षिक गतिविधियों पर चर्चा करने हुए डाक्टर अनिल शर्मा जी ने कहां कि कोविड़-19 के बचाव केन्द्र सरकार द्वारा लगाते गये लॉकडाउन से शिक्षा विभाग अथवा विद्या भारती के द्वारा एक सर्वे हुआ है,उस सर्वे में जो आंकड़े सामने आये हैं उन आंकड़ों के हिसाब से विद्या भारती के सभी विद्यालय के अभिभावक अॉनलाइन शैक्षिक गतिविधियों से जुड़े हैं विद्यालय के आचार्य गण इस कोरोना काल के प्रतिबंधों में भी आपके बच्चों की शिक्षा के प्रति पूर्णरुप से संवेदनशील एवं जागरूक हैं। अभिभावकों को इस कोरोना काल के समयावधि का मासिक शुल्क आवश्यक रुप से जमा करना चाहिए।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डा. कल्पना सैनी पूर्व प्रधानाचार्य एवं राज्य मंत्री ओ.बी.सी आयोग उत्तराखंड सरकार ने अपने संबोधन में कोरोना बचाव में जन समूह को साफ-सफाई की ओर जागरूक करते हुए कहां कि हम स्वयं भी और अपने पाल्यों की नियमित सफाई रखें। कार्यक्रम का संचालन कमल किशोर डुकलान ने किया।
कोविड-19 के प्रतिबंधों से उत्पन्न बदली परिस्थितियों में आयोजित अभिभावक सम्मेलन में विद्यालय के आचार्य एवं अभिभावकों ने कोविड-19 संक्रमण के कारण बदले परिवेश में छात्रों की आनलाइन शिक्षा तथा बच्चों के क्रामिक विकास पर चर्चा की। इसमें ऑनलाइन शिक्षण,शुल्क प्राप्ति, ग्रामीण क्षेत्र में संचार संवाद की अनुपलब्धता पर ऑनलाइन शिक्षण पर आने आ रही परेशानियां, हाईस्कूल,इण्टरमीडिएट के परिषदीय परीक्षा के फार्म भरने आदि विषयों पर बिंदुवार चर्चा की। साथ ही कोरोना संक्रमण के कारण लम्बे समय से बंद विद्यालयों को खोलने के लिए अभिभावकों ने सरकार से आग्रह किया।
इस अवसर पर श्री सुरेंद्र सिंह (संकुल प्रमुख रुड़की)  प्रदीप सचदेवा (व्यवस्थापक) राकेश सैनी (सह व्यवस्थापक) एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के परिवार प्रबोधन गतिविधि के प्रदेश सदस्य देशबंधु ने अपने विचार व्यक्त किये। अंत में विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री वीरपाल सिंह ने आभार व्यक्त किया। अभिभावक गोष्ठी में सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा गया एवं सभी की थर्मल स्केनिंग की गई।