हरिद्वार। केंद्रीय मंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने रविवार को केंद्र सरकार के किसान बिल के समर्थन में कहा कि नया किसान बिल देश के किसानों को संजीवनी प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि किसान बिल देश हित में है,किंतु कांग्रेस जनता को गुमराह कर रही है, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है। डॉ. निशंक ने पत्रकार सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि लंबे समय से उपेक्षा झेल रहा किसान अब समग्र उत्थान की दिशा में कदम बढ़ा सकेगा। पिछली बार विपक्षी दल किसानों को कुछ न देने का आरोप सदन में लगाते रहे लेकिन अब जब सरकार ने किसानों को बंधनमुक्त कर दिया है तो महज दिखावे के लिए विरोध कर रहे हैं। यह कांग्रेस का दोगलापन है। लंबे समय तक कांग्रेस ने किसानों को गुमराह किया है, अब वह स्वयं कटघरे में है। 2013 में राहुल गांधी ने कहा था कि कांग्रेस पार्टी के शासनवाले 12 राज्य अपने यहां फल और सब्जियों को एपीएमसी से बाहर करेंगे, अब वही कांग्रेस एपीएमसी का बदलाव कर रही है। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में कृषि सुधार की बात कही थी लेकिन अब उसका विरोध कर रही है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और दूसरे विरोधी दल देश के किसानों को यह कहकर भड़काने की कोशिश कर रहे हैं कि कृषि सुधार कानूनों के माध्यम से न्यूनतम समर्थन मूल्य व्यवस्था खत्म कर दी जाएगी जबकि प्रधानमंत्री तथा कृषि मंत्री ने बार-बार स्पष्ट किया है कि एमएसपी खत्म नहीं की जाएगी। इन कानूनों का एमएसपी और एपीएमसी व्यवस्था से कोई लेना-देना नहीं है। आंकड़ों के साथ केन्द्रीय शिक्षा मंत्री ने बताया कि कांग्रेस ने 55 सालों में एक बार किसानों का कर्ज माफ किया, उसमें भी भारी घोटाला किया जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसान सम्मान निधि के तहत 92 हजार करोड़ से अधिक की राशि किसानों को दी है। कांग्रेस ने किसानों के सशक्तिकरण के लिए अब तक कोई रिफार्म्स नहीं किया है। उनके पास न तो इच्छाशक्ति है और न ही सोच। हां, किसानों को गुमराह कर अपने दोहरे चरित्र का परिचय दे रहे हैं।
डॉ. निशंक ने कहा कि कृषि सुधार विधेयकों से किसानों का मुनाफा बढ़ेगा और किसान सशक्त होंगे। उन्होंने बताया कि 2020-21 में किसानों को मुनाफा गेहूं पर 106 प्रतिशत, जौ पर 65 प्रतिशत, चना-मसूर पर 78 प्रतिशत, सरसों पर 93 प्रतिशत, कुसुंभ पर 50 प्रतिशत मिल रहा है, जो मोदी सरकार का किसानों के हित में एक और महत्वपूर्ण निर्णय है। इतना ही नहीं एनडीए के कार्यकाल में एमएसपी में भारी बढ़ोतरी की गई है।
डॉ. निशंक ने बताया कि यूपीए के शासनकाल में जहां मसूर का एमएसपी 2950 रुपये प्रति क्विंटल था, वह 5100 रुपये हो गया है, उड़द 4300 से बढ़कर 6,000 हो गया है। मूंग 4,500 से बढ़कर 9,196 रुपये, अरहर 4,300 से 6,000, चना 3,100 से 5,100 तथा सरसों 3,050 से 4,650 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है जो समर्थन मूल्य में भारी बढ़ोतरी दिखाता है।