देहरादून। राज्य में प्रतिवर्ष आयोजित की जाने वाली चारधाम यात्रा देश विदेश के श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र रही है। केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार द्वारा यात्रियों की सुगमता और सुविधाओं हेतु अबाध रूप से किये जा रहे विकास कार्यों के परिणामस्वरूप इस वर्ष रिकार्ड 34 लाख 10 हजार 380 श्रद्धालुओं द्वारा चारों धामों तथा हेमकुण्ड साहिब के दर्शन किये गये। चारधाम यात्रियों की संख्या में पिछले वर्श के मुकाबले लगभग 22.6 प्रतिशत का इजाफा हुआ। यात्रा का आरम्भ 07 मई को गंगोत्री व यमुनोत्री के कपाट खुलने के साथ हुआ और 17 नवम्बर को बद्रीनाथ के कपाट बंद होने के साथ ही यात्रा का समापन होगा। माह मई एवं जून में हिमालयी क्षेत्रों में खुषगंवार मौसम के चलते सर्वाधिक यात्रा संचालित हुई। जूलाई माह से बरसात के चलते यात्रा कुछ कमी आई मगर सितंबर माह से यात्रा ने फिर तेजी पकड़ ली। इस वर्ष चारधाम एवं हेमकुण्ड साहिब में कुल 34 लाख 10 हजार 380 श्रद्धालुओं ने दर्षन किये, जबकि पिछले वर्श 2018 में 27 लाख 81 हजार 428 श्रद्धालु चारधाम एवं हेमकुण्ड साहिब की यात्रा पर आये थे। प्रत्येक धाम में पिछले वर्शों से अधिक यात्री इस वर्श दर्षन के लिए पहुंचे। सर्वाधिक आष्चर्यजनक आंकडे़ केदारनाथ धाम पहुंचने वाले यात्रियों के रहे, जहां पिछले वर्श 7 लाख 31 हजार 991 यात्रियों के मुकाबले इस वर्श लगभग 10 लाख यात्रियों ने बाबा केदार के दर्षन के लिए दस्तक दी, जोकि एक कीर्तिमान है। वर्श 2013 में आई भयावह आपदा के बाद इतनी अधिक संख्या में श्रद्धालुओं का यहां पहंुचना उत्तराखंड सरकार के लिए एक असाधारण उपलब्धि है। केदारनाथ के लिए विभिन्न हैली कम्पनियों के वायुयानों ने कुल 20 हजार 9 सौ 15 उड़ाने भरी। इस वर्श लगभग 1 लाख से भी अधिक यात्री हैलीकाॅप्टर के द्वारा केदारनाथ पहंुचे। राज्य के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने केदारनाथ पुर्ननिर्माण के लिए युद्ध स्तर पर किए गए अवस्थापना कार्यों के लिए प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी का विषेश आभार प्रकट किया है। ज्ञातव्य है कि प्रधानमंत्री स्वयं कई मौकों पर केदारनाथ पहंुचकर पुर्ननिर्माण कार्यों का जायजा लेते रहे हैं। माह मई में उनके द्वारा रूद्र ध्यान गुफा में ध्यान करने के बाद यह गुफा श्रद्धालुओं के बीच विषेश आकर्शण का केन्द्र बन गई।
राज्य के सचिव पर्यटन, दिलीप जावलकर कहते हैं कि चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की निरंतर बढ़ रही संख्या स्थानीय अर्थव्यवस्था की मजबूती की द्योतक है। स्थानीय लोगों को यात्रा मार्ग पर होम स्टे निर्माण हेतु प्रेरित करने के उद्देष्य से पंडित दीनदयाल गृह आवास-विकास (होम स्टे) योजना के माध्यम से आकर्शक सब्सिडी भी दी जा रही है। इस बारे में इच्छुक व्यक्ति जनपदीय पर्यटन कार्यालयों तथा पर्यटक सूचना केन्द्रों से अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। हमेशा की तरह बद्रीनाथ धाम सर्वाधिक श्रद्धालुओं के आगमन का केंद्र बना, जहां सर्वाधिक 11 लाख 74 हजार श्रद्धालुओं ने दर्षन किये। पिछले वर्श बद्रीनाथ में दर्षन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 10 लाख 48 हजार थी। यमुनोत्री में पिछले वर्श 3 लाख 94 हजार 445 श्रद्धालुओं ने दर्षन किए थे, जबकि इस वर्श 4 लाख 65 हजार 534 श्रद्धालुओं ने दर्शन किया। गंगोत्री धाम में पिछले वर्श 4 लाख 47 हजार 838 श्रद्धालुओं ने दर्षन किये जबकि इस वर्श 5 लाख 30 हजार 334 श्रद्धालु दर्षन करने पहंुचे। हेमकुण्ड साहिब में पिछले वर्श 1 लाख 59 हजार 103 श्रद्धालुओं के मुकाबले इस वर्श 2 लाख 40 हजार 478 श्रद्धालु दर्षन करने पहंुचे। चारधाम यात्रा के लिए सबसे पहले यमुनोत्री उसके बाद गंगोत्री की यात्रा की जाती है। गंगोत्री की यात्रा के बाद केदारनाथ और अंत में बद्रीनाथ जी की यात्रा होती है। इसके पश्चात श्रद्धालु वापस हरिद्वार और ऋशिकेष पहुंचते हंै। चारधाम यात्रा मार्गों पर गढ़वाल मण्डल विकास निगम के पर्यटक आवास गृह अवस्थित हैं, जिनकी बुकिंग यात्रियों को पहले से ही पैकेज के साथ करनी होती है। उत्तराखंड पर्यटन विकास परिशद मुख्यालय में अवस्थित चारधाम यात्रा कंट्रोल रूम से चारधाम, हेमकुण्ड साहिब एवं फुलों की घाटी आने वाले श्रद्धालुओं को यात्रा मार्गों, वाहन बुकिंग, होटल बुकिंग, हैलीकाॅप्टर बुकिंग साहित अन्य सभी प्रकार की आवष्यक जानकारी प्रदान की गई। चारधाम यात्रा कंट्रोल रूम के माध्यम से यात्रा काल में प्रातः 7 बजे से रात्रि 9 बजे के बीच अबाध रूप से यात्रियों को यात्रा मार्गों़, मौसम की स्थिति की जानकारी के साथ-साथ यात्रा सम्बन्धी अन्य जानकारियां उपलब्ध करवायी गई, श्रद्धालुओं को तात्कालिक परिस्थिति में सुरक्षा के लिहाज से जरूरी सलाह भी दी गई।