30 Jun 2025, Mon

आरबीआई की कॉन्टिंजेंसी फंड में 1.96 लाख करोड़ की कमी, आय 146 फीसदी बढ़ी

मुंबई (हि.स.)। वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान भारतीय रिजर्व बैंक(आरबीआई) के आपात निधि यानी कॉन्ट‍िंजेंसी फंड में 15 फीसदी यानी 1.96 लाख करोड़ की गिरावट आई है। हालांकि इस दौरान केंद्रीय बैंक की आय में 146 फीसदी की बढ़त हुई है। निजी और विदेशी निवेशों के प्रमुख योगदान के कारण रिजर्व बैंक की कुल बैलेंस शीट 13.42 फीसदी बढ़कर 41 लाख करोड़ रुपये हो गई है। केंद्रीय बैंक की ओर से गुरुवार को जारी सालाना रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
फॉरेन इन्वेस्टर्स के निवेश में बढ़ोतरी
केंद्रीय बैंक आरबीआई का वित्त वर्ष जुलाई से जून महीने तक माना गया है। आरबीआई की सालाना रिपोर्ट के अनुसार, रिजर्व बैंक की आपात निधि में 1.96 लाख करोड़ की गिरावट आई है। आरबीआई का बैलेंस शीट पिछले साल 30 जून 2018 को 36.17 लाख करोड़ रुपये थी। इस साल 30 जून 2019 को आय बढ़कर 41.09 लाख करोड़ रुपये हो गई है। इसमें 13.42 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। आरबीआई के बैलेंस शीट में बढ़ोतरी का मुख्य कारण घरेलू और विदेशी निवेश में क्रमश: 57.19 फीसदी और 5.70 फीसदी की बढ़ोतरी है। घरेलू स्रोतों से आय पिछले वित्त वर्ष में 50,880 करोड़ रुपये थी, जो इस साल 132.07 फीसदी बढ़कर 1,18,078 करोड़ रुपये हो गई है।
प्राइवेट इन्वेस्टमेंट को देगी बढ़ावा
आरबीआई ने स्पष्ट कर दिया है कि वित्त वर्ष 2019-20 में उसकी प्राथमिकता कंजम्पशन और प्राइवेट इनवेस्टमेंट को बढ़ावा देना है। हालांकि गोल्ड स्टॉक में भी कुल 16.30 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। हाल ही में आईबीआई ने सरकार को 1.76 लाख करोड़ रुपये का सरप्लस फंड देने का फैसला किया है, इसके बाद बैंक का वास्तविक लाभ 58,000 करोड़ रुपये हो जाएगा। केंद्रीय बैंक ने कहा है कि बैंकिंग और नॉन बैंकिंग सेक्टर को मजबूत बनाने, इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च बढ़ाने के साथ ही लेबर लॉ, टैक्स और लीगर रिफॉर्म्स पर फोकस किया जाएगा। इससे ईज ऑफ डुइंग बिजनेस बढ़ेगा और वित्त वर्ष 2024-25 तक इंडिया पांच लाख करोड़ की इकोनॉमी बन जाएगी।
90 हजार करोड़ के लाभांश का अनुमान
आरबीआई ने भारत सरकार के परामर्श से मौजूदा ईसीएफ (इकोनॉमिक कैपिटल फ्रेमवर्क) की समीक्षा के लिए बिमल जालान की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था। इस समिति ने 52,637 करोड़ की आय को कॉन्ट‍िंजेंसी फंड से वापस निकालने की सिफारिश की थी। रिजव बैंक का वित्तीय लचीलापन वांछित सीमा के भीतर था, इसलिए 52,637 करोड़ रुपये के अतिरिक्त जोखिम प्रावधान को आकस्मिक निधि (सीएफ) से वापस लिया गया है। आपात निधि में कमी 52,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त सरप्लस फंड सरकार को देने से आई है। सरकार ने बजट में वित्त वर्ष 2019-20 के लिए रिजर्व बैंक से 90,000 करोड़ रुपये के लाभांश हासिल करने का अनुमान रखा है, जिसमें से आरबीआई ने 28,000 करोड़ रुपये के लाभांश का ट्रांसफर कर दिया गया है।
1.76 लाख करोड़ केंद्र सरकार को करेगी ट्रांसफर
आरबीआई के पास कुल 1,23,414 करोड़ रुपये का सरप्लस फंड था, जिसे मिलाकर कुल 1,75,987 करोड़ रुपये वह केंद्र सरकार को हस्तांतरित करेगी, जिसमें से 28,000 करोड़ रुपये वह पहले ही दे चुका है। पिछले साल की तुलना में इस साल 30 जून,2019 तक 1.96 लाख करोड़ रुपये की कमी दर्ज की गई है। सालाना आधार पर 15 फीसदी की कमी आई है। रिजर्व बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि बैंक के नकदी और स्वर्ण पुर्नमूल्यांकन खाते में गिरावट दर्ज की गई है, जो 6.96 लाख करोड़ रुपये से घटकर 6.64 लाख करोड़ रुपये हो गया।
हिन्दुस्थान समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *