देहरादून। कांग्रेस ने रामनगर से टिकट देने के बाद उपजे विरोध के चलते हरीश रावत की सीट बदल दी है। कांग्रेस के दिग्गज नेता हरीश रावत अब रामनगर से चुनाव नहीं लड़ेंगे। कहा जा रहा है कि विरोध की वजह से पार्टी ने इस विधानसभा सीट से हरीश रावत का टिकट काटा है। बुधवार की देर रात पार्टी ने उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए 10 प्रत्याशियों की सूची जारी की है। अब हरीश रावत को रामनगर के बदले लालकुआं से टिकट दिया गया है।

इससे पहले जब कांग्रेस ने इस चुनाव के लिए 11 अन्य प्रत्याशियों की लिस्ट जारी की थी तब उस लिस्ट में बताया गया था कि हरीश रावत रामनगर विधानसभा सीट से चुनावी ताल ठोकेंगे। लेकिन इस सीट पर रणजीत सिंह रावत पहले से अपनी दावेदारी खुलेआम कर रहे थे जिसकी वजह से पार्टी में टकराव की स्थिति थी।

कांग्रेस हरीश रावत को सेफ सीट माने जाने वाली रामनगर सीट से टिकट देना चाहती थी जबकि कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत सिंह रावत सीट को छोड़ना नहीं चाहते थे और रामनगर से ही दावेदारी कर रहे थे। वहीं हरीश रावत रणजीत सिंह को सल्ट सीट में भेजना चाहते थे। लिहाजा कांग्रेस ने पहले जो लिस्ट जारी की उसमें हरीश रावत को इस सीट से टिकट तो थमा दिया लेकिन पार्टी कार्यकर्ता लगातार इसका विरोध कर रहे थे। अब आखिरकार पार्टी कार्यकर्ताओं के विरोध को देखते हुए पार्टी ने इस सीट पर हरीश रावत का टिकट काट दिया है।
हरीश रावत को जहां लालकुआं विधानसभा सीट से टिकट दिया गया है तो वहीं रामनगर सीट के दूसरे दावेदार कहे जाने वाले रणजीत रावत को सल्ट से टिकट दिया है। रामनगर सीट से पार्टी ने महेंद्र सिंह को टिकट दिया है। हरीश रावत की बेटी अनुपमा रावत को हरिद्वार ग्रामीण सीट से प्रत्याशी बनाया गया है।  इससे पहले, कांग्रेस ने पहली सूची में 53 और दूसरी सूची में 11 उम्मीदवार घोषित किए थे।

पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत के विधानसभा क्षेत्र कोटद्वार से कांग्रेस ने अब तक कोई उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। हरक सिंह रावत की पुत्रवधू अनुकृति को कांग्रेस ने लैंसडाउन से टिकट दिया है। हरक सिंह रावत और अनुकृति गत 22 जनवरी को कांग्रेस में शामिल हुए थे। हरक सिंह रावत को 16 जनवरी को उत्तराखंड मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया था और फिर उन्हें भारतीय जनता पार्टी से भी निष्कासित कर दिया गया था।उत्तराखंड में सभी 70 सीटों के लिए 14 फ़रवरी को मतदान होगा। मतगणना 10 मार्च को होगी।