‏नई दिल्‍ली (हि.स.)। देश की अर्थव्‍यवस्‍था में आई सुस्‍ती को दूर करने के लिए वित्‍तमंत्री निर्मला सीतारमण एक बार फिर से  मीडिया से मुखातिब हुई। शुक्रवार को दिल्ली के नेशनल मीडिया सेंटर में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए वित्‍तमंत्री ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में 2 बैंकों के विलय की घोषणा की। इसके तहत ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (ओबीसी) और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया शामिल है। साथ ही, कैनरा बैंक और सिंडीकेट बैंक का आपस में विलय की घोषणा की। वित्तमंत्री के इस ऐलान से अब पीएनबी देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक बन जाएगा। 

सीतारमण ने इनके अलावा यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का भी आपस में विलय किए जाने की घोषणा की है। वहीं, उन्‍होंने इलाहाबाद बैंक और इंडियन बैंक का भी आपस में विलय किए जाने की घोषणा की है। पत्रकारवार्ता के दौरान उन्होंने यह भी कहा कि जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सत्ता में आई थी तब देश की अर्थव्‍यवस्‍था 1.9 ट्रिलियन डॉलर की थी। अभी 2.6 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्‍यवस्‍था है। उन्‍होंने कहा कि सरकार ने बैंकिंग के क्षेत्र में कई बड़े सुधार किए हैं, जिसमें निरंतर सुधार जारी है। सीतारमण ने कहा कि अभी 8 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक अपने लोन पर लिए जाने वाले ब्‍याज दरों को रेपो रेट से जोड़ दिया है।
सीतारमण ने कहा फिलहाल 18 सार्वज‍निक क्षेत्र के बैंकों में से 14 बैंक मुनाफे में है। बावजूद इसके उन्‍होंने कई बड़े बैंकों का विलय करने की घोषणा की है। इस विलय के बाद सार्वजनिक क्षेत्रों की कुल संख्‍या 18 से घटकर 12 रह जाएगी। सीतारमन ने यह भी बताया कि 3.38 लाख शेल कंपनियों को सरकार ने बंद किया है। इसके साथ ही 250 करोड़ रुपये से अधिक के लोन पर सरकार की नजर है। उन्‍होंने कहा कि बैंकों का एनपीए घटकर 7.9 लाख करोड़ रुपये हो गया है। वित्‍तमंत्री ने कहा कि नीरव मोदी जैसे भगोड़े पर कार्रवाई की जा रही है। उन्‍होंने कहा कि कर्ज वसूली भी रिकॉर्ड स्‍तर पर है। सीतारमण ने कहा कि बैंकों का विलय करने से कर्मचारियों किसी भी बैंक के कर्मचारियों की छटनी नहीं की जाएगी।
वित्‍त मंत्री ने बताया कि 4 नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (एनबीएफसी) को पीएसयू बैंकों से मदद मिली है। प्रेस कांफ्रेसे के दौरान सीतारमण ने कहा कि हाउसिंग फाइनेंस को 3300 करोड़ रुपये का सपोर्ट सरकार देगी। उन्‍होंने कहा कि बैंकों के लिए चीफ रिस्क ऑफिसर की नियुक्ति सरकार करेगी, जिसके पास बैंकों की समीक्षा का अधिकार होगा।
इन 10 बड़े बैंकों का होगा विलय
विलय -1ः पंजाब नैशनल बैंक में ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया (दूसरा सबसे बड़ा बैंक, कारोबार-17.95 लाख करोड़ रुपये) ।
विलय -2 ः केनरा बैंक और सिंडिकेट बैंक (चौथा सबसे बड़ा बैंक, कारोबार-15.20 लाख करोड़ रुपये) ।
विलय -3 ः यूनियन बैंक, आंध्रा बैंक तथा कॉरपोरेशन बैंक (पांचवां सबसे बड़ा बैंक, कारोबार-14.6 लाख करोड़ रुपये) ।
विलय – 4 ः इंडियन बैंक और इलाहाबाद बैंक (सातवां सबसे बड़ा बैंक, कारोबार-8.08 लाख करोड़ रुपये)। वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इंडियन बैंक, इलाहाबाद बैंक का विलय किया जाएगा, जिससे सातवां सबसे बड़ा सरकारी बैंक बनेगा, जिसका कारोबार 8.08 लाख करोड़ रुपये का होगा।
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