रुद्रप्रयाग/उत्तरकाशी/देहरादून। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग व उत्तरकाशी जिलों में सोमवार को दो अलग—अलग घटनाओं में भारी बारिश के दौरान बादल फटने से गांवों में मकानों और सडकों को नुकसान पहुंचा। उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और टिहरी जिले में कई जगह फसलों को नुकसान हुआ तो कहीं घरों और दुकानों में मलबा घुस गया।
रुद्रप्रयाग जिले के अगस्त्यमुनि ब्लॉक के खांकरा, फतेहपुर और जखोली ब्लॉक के कोटली में अतिवृष्टि से कई गांवों में व्यापक नुकसान हुआ। कई आवासीय घरों व गौशालाओं में मलबा घुस गया है। साथ ही कई मकानों को क्षति भी पहुंची हैं। सड़के व पैदल मार्ग भी जगह-जगह बाधित हो गए हैं।
सोमवार शाम को हुई मूसलाधार बारिश के बीच बच्छणस्यूं पट्टी के ग्राम पंचायत खांकरा में ऊपरी जंगल में हुई अतिवृष्टि से चित्रमति नदी उफान पर आ गई। ऐसे में पत्थर व मलबे का सैलाब खांकरा के कई घरों व दुकानों में घुस गया। इस दौरान कई मकानों के आगे पुश्ते भी ध्वस्त हो गए हैं। साथ ही एक ढाबा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। उधर, फतेहपुर गांव में भी कई घरों व गौशाला में मलबा घुसा है। भारी मलबे के कारण खांकरा-कांडई-खेड़ाखाल मोटरमार्ग भी फतेहपुर के समीप बाधित हो गया है। इसके अलावा नरकोटा गांव में भी घरों व खेतों में मलबा घुसने से काफी नुकसान की सूचना है। यहां मलबे के कारण बदरीनाथ हाईवे पर अवरुद्ध हो गया है, जिसे एनएच द्वारा मशीनों की मदद से खोल दिया गया है। उधर, जखोली ब्लॉक के कोटली में भी अतिवृष्टि से खेतीबाड़ी को नुकसान की सूचना है। गांव के पैदल रास्ते भी जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो गए हैं। गैरसारी में भी कई घरों में मलबा घुसा है। पूर्व ग्राम प्रधान नरेंद्र ममगाईं, प्रदीप मलासी, चंद्रमोहन, मोहित डिमरी आदि ने प्रशासन से क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण कर प्रभावितों को त्वरित मदद देने की मांग की है।
वहीं, उत्तरकाशी जिले के विभिन्न हिस्सों में मूसलाधार बारिश होने से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया। चिन्यालीसौड़ प्रखंड के कुमराड़ा गांव के ऊपरी हिस्से में अतिवृष्टि से बरसाती नाले में उफान आने से गांव में अफरा तफरी मच गई।गाजणा क्षेत्र के कमद गांव में भी अतिवृष्टि से घर-दुकानों में पानी घुस गया।
उत्तरकाशी जिले के विभिन्न हिस्सों में मूसलाधार बारिश होने से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया। चिन्यालीसौड़ प्रखंड के कुमराड़ा गांव के ऊपरी हिस्से में अतिवृष्टि से बरसाती नाले में उफान आने से गांव में अफरा तफरी मच गई। गाजणा क्षेत्र के कमद गांव में भी अतिवृष्टि से घर-दुकानों में पानी घुस गया। अतिवृष्टि से जिले में फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। प्रभावितों ने प्रशासन से क्षति का आकलन कर क्षतिपूर्ति की मांग की है।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने बादल फटने की खबर का तत्काल संज्ञान लेते हुए संबंधित जिलाधिकारियों से फ़ोन पर जानकारी ली और उन्हें स्थिति पर लगातार नज़र रखने को कहा। उन्होंने प्रभावितों को तुरंत राहत और अनुमन्य सहायता राशि अविलंब देने के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग, राष्ट्रीय राजमार्ग और सीमा सड़क संगठन को बंद मार्गों को तत्काल खुलवाने के आदेश दिए ताकि जनता को परेशानी न हो।