कमल किशोर डुकलान, रुड़की (हरिद्वार)


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “लोकल पर वोकल’ व”आत्मनिर्भर भारत’ के संदेश से इस दीपावली पर चीन को 40 हजार करोड़ के नुकसान के साथ जोरदार झटका लगा है। भारतीय उत्पादों का बड़े पैमाने पर इस त्योहार में खरीदारी होने से आठ महीने का व्यापार का निर्वासन समाप्त हुआ.

कोविड-19 संक्रमण से एवं भारत-चीन सीमा विवाद से चीन के खिलाफ देश में बने माहौल के कारण इस दीवाली पर लोगों में चीनी उत्पादों से काफी हद तक निर्भरता कम हुई है।

कंफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) अनुसार इस दीपावली के पर्व पर भारत ने चीन को तकरीबन 40 हजार करोड़ रुपये का झटका दिया है। कैट के मुताबिक प्रति वर्ष त्‍योहारी सीजन में इतने मूल्य का यह सामान देश में बिक जाता, परन्तु कुछ समय से देश में चीन के खिलाफ बने माहौल के कारण काफी हद तक लोगों ने चीनी उत्पादों का बहिष्कार किया। इसके साथ ही कैट ने कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच देश की अर्थव्यवस्था में सकारात्मक भविष्य की तस्वीर दिखाते हुए दावा किया है कि इस त्‍योहारी सीजन में तकरीबन 72 हजार करोड़ रुपये का कारोबार हुआ है।
इस वर्ष पूरे देश में कोरोना महामारी के बड़े गंभीर संकट के बीच दीपावली का पावन प्रकाश पर्व पूरी तरह से एक अलग ही अंदाज में मनाया गया, जिसमें बहुत कुछ नवीन विशेषताएं थीं जैसे चीनी सामानों का पूर्ण बहिष्कार,भारतीय उत्पादों का बड़े पैमाने पर उपयोग करने के साथ-साथ भारत में आठ महीने का व्यापार का निर्वासन समाप्त हुआ। एक तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “लोकल पर वोकल’ व “आत्मनिर्भर भारत’ के संदेश का भी बड़ा असर देखने को मिला है।
कंफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) अनुसार इस समय देश के 20 अलग-अलग शहर जो देशभर में सप्लाई चैन के प्रमुख वितरण केंद्र है, उनसे एकत्रित आंकड़ों के अनुसार दीपावली के त्‍योहारी सीजन पर भारतीय उत्पादों की बिक्री से देशभर में लगभग 72 हजार करोड़ रुपये का कारोबार हुआ है इस बिक्री से चीन को सीधे तौर पर लगभग 40 हजार करोड़ रुपये का व्यापार घाटा हुआ। हालांकि,प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए उच्चतम न्यायालय के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद सरकारी अधिकारियों की लापरवाही से जिसमें पटाखे की नीति का अभाव मुख्य कारण के चलते बड़े व छोटे तथा बेहद मामूली स्तर के पटाखों के निर्माणकर्ता व विक्रेताओं को इस दीपावली पर लगभग 10 हजार करोड़ रुपये के व्यापार का नुकसान भी हुआ।
खुदरा व्यापार के विभिन्न वर्गों खास तौर पर देश में बने एफएमसीजी उत्पाद, उपभोक्ता वस्तुएं, खिलौने, बिजली के उपकरण और सामान, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और सफेद सामान, रसोई के सामान, उपहार की वस्तुएं, मिठाई- नमकीन, घर का सामान, बर्तन, सोना और गहने, जूते, घड़ियां, फर्नीचर, वस्त्र, फैशन परिधान, कपड़ा, घर की सजावट का सामान, मिट्टी के दिए सहित दीवाली पूजा का सामान, सजावटी सामान जैसे दीवार की लटकने, हस्तकला की वस्तुएं, वस्त्र, घर द्वार पर लगाने वाले शुभ-लाभ, ओम, देवी लक्ष्मी के चरण आदि अनेक त्यौहारी सीजन वस्तुओं की बिक्री बहुत अच्छी रहने से चीन की व्यापारिक विस्तारवादी सोच पर काफी हद तक एक बड़े पैमाने पर बड़ा झटका लगा है।