रुद्रप्रयाग। तीर्थ पुरोहितों ने केदारनाथ में मास्टर प्लान से हो रहे पुनर्निर्माण कार्यों का विरोध किया है। साथ ही गुफाओं के निर्माण को धार्मिक मान्यताओं के खिलाफ बताया है। उन्होंने इस संबंध में जिलाधिकारी को भी अवगत कराया है। केदार सभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला, पूर्व अध्यक्ष किशन बगवाड़ी, लक्ष्मी नारायण जुगराण, कुबेरनाथ पोस्ती आदि तीर्थ पुरोहितों का कहना है 16-17 जून 2013 जून की आपदा में केदारनाथ धाम का भौगोलिक स्वरूप बदल गया था। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की जान जाने के साथ ही तीर्थ पुरोहितों की संपत्तियों को व्यापक नुकसान हुआ था, किंतु प्रदेश सरकारों द्वारा सात साल बाद भी प्रभावितों की सुध नहीं ली गई है। आज तक, उन्हें अपने आवासीय भवन नहीं मिल पाए हैं। तीर्थ पुरोहितों ने धाम में मास्टर प्लान से हो रहे निर्माण कार्यों का भी पुरजोर विरोध किया है। कहा कि, मंदिर परिसर और मंदिर मार्ग को अकाकरण विस्तार दिया गया है, जिससे मंदिर की भव्यता प्रभावित हो रही है। कहा कि पुनर्निर्माण के नाम पर केदारनाथ में प्राचीन धार्मिक मान्यताओं की अनदेखी की जा रही है। शासन, प्रशासन यात्राकाल में आमदानी को ध्यान में रखकर प्राचीन गुफाओं के साथ छेडखघनी कर उन्हें आधुनिक रूप दिया जा रहा है। जिससे, बारामासी व यात्राकाल में धाम में रहने वाले साधु-संत अपना योग-ध्यान नहीं कर पा रहे हैं।