4 Jul 2025, Fri

गंगा के मायके में ही उसकी पवित्रता से खिलवाड़ 

उत्तरकाशी। गंगा भागीरथी अपने उद्गम स्थल के पहले ही उत्तरकाशी से ही दूषित हो रही है। एनजीटी, हाईकोर्ट, पर्यावरण मंत्रालय की रोक के बाद भी गंगा नदी में धड़ल्ले से बेरोक-टोक माफिया खनन कर रहे हैं और सड़क निर्माण में लगी निर्माण एजेंसियां ऑल वेदर सड़क निर्माण का हजारों टन मलबा सीधे भागीरथी नदी में उड़ेल रहे हैं। इससे गंगा नदी की स्वच्छता और अविरलता को खतरा पैदा हो गया है और ऐसा लग रहा है कि जिला प्रशासन जान-बूझकर आंखे मूंदे हुए है। जीवनदायिनी और पूजनीय गंगा नदी इन दिनों अपनी दुर्दशा पर रो रही है। सड़क निर्माण कार्य में लगी ऑल वेदर निर्माण एजेंसियां और जिले में सक्रिय हुए खनन माफिया नदी में इस कदर तक खनन कर रहे हैं नदी की धारा ही परिवर्तित हो जा रही है।
भागीरथी नदी के किनारे चिन्यालीसौड़ से लेकर उत्तरकाशी जिला मुख्यालय तक कई जगह ऑल वेदर सड़क निर्माण कार्य का मलबा सीधे नदी में डाला जा रहा है। तो दूसरी ओर खनन माफिया नदी के बीचों-बीच बड़ी-बड़ी पोकलैंड जैसी मशीनें उतारकर कर नदी में खनन कर रहे हैं। पर्यावरणविद् सुरेश भाई कहते हैं खुलेआम गंगा और हिमालय के पर्यावरण, पारिस्थितिकी से खिलवाड़ किया जा रहा है जो बहुत दुखद है और इससे जो नुकसान हो रहे हैं उनकी भरपाई नहीं की जा सकेगी। लेकिन जिला प्रशासन इस हकीकत को देखने को तैयार नजर नहीं आ रहा। उत्तरकाशी के जिलाधिकारी आशीष चैहान कहते हैं कि नदी ऑल वेदर रोड निर्माण कार्य में लापरवाही बरते जाने को लेकर पहले भी कार्रवाई की गई है और आगे भी की जाएगी। एसडीएम, डीएफओ के साथ ही एक टीम पर्यावरण से छेड़खानी के मामलों पर नजर रखती है और हर शिकायत पर कार्रवाई की जाती है। इन दावों के विपरीत जमीनी हकीकत किसी से छुपी नहीं है। उत्तराखंड में भागीरथी जैसी नदियों के साथ अपने निजी स्वार्थों के लिए खुलकर खिलवाड़ किया जा रहा है। अब भी इस पर ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो वह दिन दूर नहीं जब गंगा नदी तस्वीरों में ही रह जाएगी।

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