देहरादून। वार्ता विफल होने के बाद जनरल ओबीसी कर्मचारी सोमवार से बेमियादी हड़ताल पर चले गए हैं। इसके साथ ही सभी जिला मुख्यालयों पर कर्मचारी प्रमोशन में आरक्षण के खिलाफ धरना प्रदर्शन भी कर रहे हैं। राज्य सरकार ने नो वर्क नो पे का आदेश लागू दिया है। दो दिन पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के सामने यह प्रस्ताव गया था, जिसे आज पास कर दिया गया है। देहरादून में राज्य सचिवालय और विभागों व कार्यालयों के जनरल ओबीसी कर्मचारियों ने परेड ग्राउंड में एकत्र होकर प्रदर्शन किया।
देहरादून जिला समाज कल्याण विभाग में भी हड़ताल का असर देखने को मिला। विभाग के सभी अधिकारी-कर्मचारी हड़ताल में शामिल हुए हैं। वहीं स्वास्थ्य विभाग से आज कोई भी कर्मचारी हड़ताल में शामिल नहीं हुआ। आपात सेवा होने की वजह से कर्मचारी हड़ताल में शामिल नहीं हुए। कहा कि अगर पक्ष में फैसला नहीं आया तो आगामी पांच मार्च से आकस्मिक सेवाएं भी बाधित रखी जाएंगी। दून में मोहनी रोड स्थित पेयजल मुख्यालय में उत्तराखंड जल निगम सेवानिवृत्त कर्मचारी वेलफेयर एसोसिएशन के सदस्यों ने तालाबंदी की। हल्द्वानी के पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में आरक्षण के विरोध में उत्तराखंड जनरल ओबीसी एंप्लाइज एसोसिएशन के सदस्यों ने धरना दिया। रुद्रपुर आरटीओ कार्यालय के समीप पदोन्नति पर आरक्षण की रोक को लेकर सरकार की ओर से शासनादेश जारी नहीं करने पर उत्तराखंड जनरल-ओबीसी कर्मचारी हड़ताल पर हैं। विकास भवन में कृषि कार्यालय भी खाली रहा। स्वजल लेखाकार कार्यालय में भी ताला लटका मिला। बागेश्वर में भी धरना प्रदर्शन हुआ। अपना विरोध दर्ज करने के लिए पौड़ी, चमोली, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा और बागेश्वर के जनरल ओबीसी कर्मचारी शिक्षकों ने विधानसभा का घेराव करने के लिए गैरसैंण कूच किया।