Category: लेख

कारगिल विजय दिवस भारतीय सैनिकों के पराक्रम की अविस्मरणीय शौर्य गाथा

कमल किशोर डुकलान ‘सरल‘ सन् 1999 का कारगिल युद्ध भारतीय सेना के पराक्रम और शौर्य की अमर और अमिट गाथा है,जिसे भुलाया नहीं जा सकता है। 25 वर्ष पर्व भारतीय…

नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गठबंधन सरकार की चुनौतियांँ

कमल किशोर डुकलान ‘सरल‘ देश में एक बार फिर से अट्ठारवीं लोकसभा में केंद्रीय स्तर पर एक बार फिर बैशाखी युक्त गठबंधन सरकार की शुरुआत हो गई है। चुनाव में…

छत्रपति शिवाजी महाराज ने की थी हिंदू पद-पादशाही की स्थापना

कमल किशोर डुकलान ‘सरल‘ छत्रपति शिवाजी महाराज न केवल जनतंत्र को स्थापित करने में सफल हुए बल्कि उनके द्वारा 6 जून 1674 को आज से 350 वर्ष पूर्व की गई…

हिंदी पत्रकारिता का सफर उदन्त मार्डण्ड से शुरू हुआ

हिंदी पत्रकारिता का सफर उदन्त मार्डण्ड से शुरू हुआ, आज भी अनवरत जारी है। प्रतिवर्ष 30 मई को पंडित युगुल किशोर शुक्ल ने 1826 ई. में प्रथम हिन्दी समाचार पत्र…

परीक्षाओं में अंकों की अंतहीन दौड़ के बजाय समग्र व्यक्तित्व विकास पर ध्यान देने की आवश्यकता

कमल किशोर डुकलरान, रुड़की, हरिद्वार (उत्तराखंड) कुछ दिनों पूर्व उत्तराखंड बोर्ड ने दसवीं एवं बारहवीं की बोर्ड परीक्षा का परिणाम घोषित किए। तमाम बोर्ड परीक्षाओं का परिणाम आते ही इंटरनेट…

निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल

-डॉ बसुन्धरा उपाध्याय,सहायक प्राध्यापक, हिंदी विभाग, लक्ष्मण सिंह महर परिसर पिथौरागढ़ उत्तराखंड। भारतवर्ष बहुभाषी देश है। भाषा की दृष्टि से भारत बहुत समृद्ध देश माना जाता है। भाषा किसी भी…

समलैंगिक विवाह प्रकृति,समाज संस्कृति के विरुद्ध

✍️ कमल किशोर डुकलान ‘सरल’ समलैंगिक विवाह हमारी प्रकृति, देश, समाज, संस्कृति व धर्म के विरुद्ध ही नहीं है, बल्कि हमारे समाजिक और सांस्कृतिक प्रथाओं एवं विश्वास और मूल्यों के…

रामचरित मानस की समग्रता पर विचार करने की आवश्यकता

कमलकिशोर आजकल जिस तरह से रामचरित मानस की कुछ चौपाइयों पर हिन्दू समाज की वर्ण व्यवस्था पर सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए अर्थ का अनर्थ किया जा रहा है…

नेता जी सुभाषचन्द्र बोस का देश की स्वतंत्रता में अतुलनीय पराक्रम

✍️ कमल किशोर डुकलान नेताजी सुभाष चंद्र बोस, जो कि आजाद हिंद फौज के संस्थापक होने के साथ भारत की स्वतंत्रता में अहम भूमिका निभाने वाले प्रमुख लोगों में थे।…

लोक रुचि, जन आस्था का महापर्व मकर संक्रांति

कमल किशोर डुकलान मकर संक्रांति लोक रूचि और जन आस्था के साथ समाजिक समरसता का महापर्व भी है। यह पर्व व्यक्ति के बीच आपसी प्रेम एवं सौहार्द को बढ़ावा देता…

संघ की विश्व गुरु साधना

✍️ डॉ. दिलीप अग्निहोत्री राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार युग द्रष्टा थे. वह महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे. ब्रिटिश सरकार के कारावास में एक वर्ष बाद उनको…

परिवारवादी पार्टियों के लिए सबक

✍️ डॉ. दिलीप अग्निहोत्री परिवार आधारित पार्टियों के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ा. उद्धव ठाकरे ने कुर्सी के लिए वैचारिक विरासत का परित्याग कर दिया था.जबकि भाजपा ने परिवारवाद…

समाज में मनुष्य का मूकदर्शक बनना, मनोविज्ञान में बदलाव का नतीजा

✍️ कमल किशोर डुकलान, रुड़की राजस्थान के उदयपुर में घटित घटना यह दर्शाती है कि इतने वर्षों में समाज में कुछ नहीं बदला है जिस कारण शायद दिन-ब-दिन मनुष्य में…

जल प्रबंधन में जनसहभागिता आवश्यक

कमल किशोर डुकलान मानवीय भूलों के कारण बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण और जल संचय के अभाव में जिस तरह हमें प्रकृति में दुष्परिणाम दिखने को मिल रहे हैं, उससे आने वाले…

वनवासी गौरव का नया अध्याय

✍️✍️✍️✍️ डॉ. दिलीप अग्निहोत्री सबका साथ सबका विकास की यात्रा आगे बढ़ी.इसमें एक नए अध्याय को जोड़ने की पटकथा बन चुकी है.पहली बार देश के सर्वोच्च पद पर इस समाज…

आंदोलन जीवियो का नया अंदाज

डॉ. दिलीप अग्निहोत्री सतावन मुस्लिम मुल्कों में से करीब पंद्रह ने एक प्रकरण पर भारत का विरोध किया है, लेकिन इस आधार पर ही भारतीय विदेश नीति को कमजोर समझ…

देवभूमि की ‘महाभारत’ में ‘दुशासन’ ही ‘दुशासन’

⇒ योगेश भट्ट, वरिष्ठ पत्रकार। मौसम सियासी है तो जाहिर है बातें भी सियासी ही होंगी। आम चुनाव के बहाने इन दिनों उत्तराखंड की सियासत को जानने समझने की कोशिश…

‘चेहरों’ की सियासत और ‘समीकरणों’ का रण

⇒ योगेश भट्ट, वरिष्ठ पत्रकार विधानसभा चुनाव को लेकर उत्तराखंड में सियासी रण की बिसात बिछने लगी है। आम आदमी पार्टी की ‘दस्तक’ और उक्रांद की ‘उछल कूद’ के बीच…

न्याय, धर्म, सुशासन, राष्ट्रीयता के प्रतीक छत्रपति शिवाजी महाराज

हिंदुत्व और भारत माता के लिए समर्पित:- शिवाजी -कमलकिशोर डुकलान अखण्ड भारत के निर्माण में अपना सर्वस्व अर्पण करने वाले न्याय, धर्म, सुशासन, राष्ट्रीयता के प्रतीक छत्रपति शिवाजी महाराज ने…

बोर्ड परीक्षा रद्द होने के बाद तर्कसंगत मूल्यांकन की दरकार

केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पैमाने के अनुसार स्कूली आंतरिक मूल्यांकन के अलावा पिछले तीन साल के बोर्ड परीक्षाओं में स्कूली नतीजों का रखा जायेगा। विशेष ध्यान केन्द्रीय बोर्ड का…