देहरादून। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज वित्तीय वर्ष 2024-25 का बजट संसद में पेश किया। दरअसल चुनावी साल होने के कारण अंतरिम बजट संसद में पेश किया गया जिसमें कोई लोक लुभावना घोषणाएं नहीं की गई। यही वजह है कि सरकार ने किसी तरह की घोषणाएं करने से परहेज किया है हालांकि कॉर्पोरेट टैक्स घटाकर 22 प्रतिशत कर दिया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह सर्वस्पर्शी बजट किसानों, महिलाओं, युवाओं और वंचितों के उत्थान में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के साथ ही प्रधानमंत्री के “आत्मनिर्भर भारत” की संकल्पना को मूर्त स्वरुप देने में सहायक सिद्ध होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समावेशी विकास के साथ ही यह बजट नए भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर, कनेक्टिविटी, कृषि, महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य, पर्यटन जैसे विभिन्न क्षेत्रों को नए आयाम प्रदान करेगा, जिसके द्वारा विकसित भारत 2047 के विजन को सार्थकता मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज देश का चहुंमुखी विकास हो रहा है। यह बजट प्रधानमंत्री जी के संकल्प के अनुरूप भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि बजट में महिला, गरीब, युवा और किसानों को प्राथमिकता में रखा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य के लिए यह अंतरिम बजट महत्वपूर्ण है। वर्ष 2023-24 के संशोधित अनुमान में केंद्रीय करों में राज्यांश बढ़ गया है। इस प्रकार लगभग ₹928 करोड़ इस वर्ष में अधिक मिलने की संभावना है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में लगभग ₹13,637 करोड़ हो गया है। उन्होंने कहा कि अंतरिम बजट में पर्यटन, उद्योग, हवाई कनेक्टिविटी आदि पर भी खास जोर दिया गया है। इससे उत्तराखण्ड में पर्यटन विकास बढ़ेगा और औद्योगिक निवेश में ग्राउंडिंग तेजी से होगी। प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप उत्तराखण्ड को अग्रणी राज्य बनाने के लिए संकल्पित है।
केंद्रीय कर में राज्य का अंश बढ़ा : प्रेमचंद अग्रवाल
केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए अंतरिम बजट पर उत्तराखंड के वित्त मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने राज्य के लिए हितकारी बताया है। डॉ अग्रवाल ने कहा कि केंद्रीय कर में राज्य का अंश बढ़ गया है। इससे गत वर्ष के मूल बजट की तुलना में 2217 करोड़ इस मद में अधिक प्राप्त होने की संभावना है।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि यही नहीं संशोधित अनुमान के मुताबिक चालू वर्ष में भी 928 करोड़ अधिक प्राप्त होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पूंजीगत परिव्यय यानी कैपिटल आउटले बढ़ा दिया है। गत वर्ष 10 लाख करोड़ की तुलना में यह बढ़कर 11.11 लाख करोड़ हो गया है। उन्होंने कहा कि इस बढ़ोतरी से अवस्थापना जैसे सड़क, पुल, हाईवे आदि के विकास में तेजी आएगी।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि राज्यों के लिए भी विशेष पूंजीगत सहायता में वृद्धि की गई है। कहा कि गत वर्ष इस मद में एक लाख करोड आवंटित था। जो बढ़कर 1 लाख 30 हजार करोड़ हो गया है। यह बढ़ोतरी से राज्य को अधिक पूंजीगत सहायता मिलने की उम्मीद है।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से कुछ महत्वपूर्ण योजनाओं के बजट के प्रावधान में भी वृद्धि की गई है। जैसे आयुष्मान भारत, राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन, प्रधानमंत्री मत्स्य संप्रदाय योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना आदि। उन्होंने बताया कि इन योजनाओं में वृद्धि से प्रदेश में लाभार्थियों की संख्या में वृद्धि हो जाएगी। उन्होंने कहा कि यह चुनावी वर्ष है इसके चलते अंतिम बजट पेश किया गया है। उन्होंने बताया कि परंपरा यह है कि अंतरिम बजट में टैक्स के संबंध में कोई घोषणा नहीं की जाती है।