देहरादून। उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी की प्रवक्ता गरिमा महरा दसौनी ने कहा कि मानव श्रृंखला के पीछे की मंशा या मकसद का कांग्रेस पार्टी स्वागत करती है परन्तु जिस तरह से बिना पूर्व तैयारी के इस कार्यक्रम का आयोजन और क्रियान्वन किया गया वह ठीक नहींं था। जिससे आमजन मानस को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि इस आयोजन को किसी छुट्टी या रविवार के दिन किया जाता तो बेहतर होता।
 इसको जिस वक्त पर किया गया वह भी स्कूल एवं कार्यालय जाने का वक्त होता है। पीक हाॅर्वज में इस अयोजन को करने से लोगों को आवाजाही में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। अव्यवस्थायें भी अपने चरम पर थीं छात्र-छात्रायें अपनी परिक्षाओं में समय से नही पहॅुच पाये निजी क्षेत्र में काम करने वाले भी अपने कार्यालयों में समय से नही पहॅुच पायें जगह-जगह एंबुलेंसेस को रोका गया जिससे गंभीर रूप से बीमार लोगांे को समय पर उपचार नही मिल पाया। इन सभी बातों को नजरअंदाज करना कार्यक्रम की रूपरेखा बनाने वाले अयोजकों की संवेदनशीलता पर एक बड़ा प्रश्नचिन्ह लगाता है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से बडबोलापन दिखाते हुए नगर निगम महापौर ने पंचास किमी0 लम्बी मानव श्रृखला एवं एक लाख लोगों की उक्त कार्यक्रम में शामिल होने की बात कहीं थी उसका सच यह है कि जनता की भागीदारी इसमें ना के बराबर रही और स्कूल एवं काॅलेज के छात्र-छात्राओं को इसमें शामिल किया गया और महापौर के सारे दावे धत्ता सावित हुए। श्रीमती गरिमा ने महापौर से करबृद्व निवेदन करते हुए कहा कि आईन्दा किसी भी कार्यक्रम की रूपरेखा बनाते हुए जनता की दिक्कतों, परेशानियों, कष्ट एवं पीड़ाओं को ध्यान में रखते हुए बनायें। इसके साथ ही साथ सप्ताहभर लम्बा चलने वाले राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर राज्य सरकार द्वारा आयोजित कार्यक्रमों पर भी कड़ा हमला बोलते हुए श्रीमती दसौनी ने राज्य आन्दोलनकारियों की अनदेखी अवहेलना एवं उपेक्षा की कड़ी निन्दा करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा उन राज्य आन्दोलनकारी जिन्होंने अपना स्र्वस्व राज्य आन्दोलन के लिए नयौछावर कर दिया अपने परिवार एवं नौकरियों की भी चिन्ता न करते हुए अपने को प्रथक राज्य के आन्दोलन में झौंक दिया आज राज्य सरकार के तमाम कार्यक्रम में उनका सम्मान करना तो दूर की बात उनका जिक्र तक न होना राज्य आन्दोलनकारियों का घोर अपमान है जिसे राज्य की जनता कतई बर्दास्त नही करेगी ये राज्य आन्दोलन की भावनाओं पर कुठाराघात है। उन्होंने राज्य सरकार एवं प्रशासन को चेताते हुए कहा कि ये भूल उन्हें बहुत महंगी पडेगी।