हरिद्वार। जिलाधिकारी हरिद्वार दीपेन्द्र चैधरी ने राष्ट्रीय राजमार्ग एवं राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा हरिद्वार जनपद में निर्माणाधीन मार्गों के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक ली तथा निर्माण कार्यों में आने वाली बाधाओं को दूर करने के सम्बन्ध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।
तकनीकी प्रबन्धक पी.एस. पांडे राष्ट्रीय राजमार्ग 74 ने निर्माण कार्य में आने वाली बाधाओं से जिलाधिकारी को अवगत कराते हुए बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग 74 पर सैद्धान्तिक स्वीकृति के सापेक्ष 97 वृक्षों के पातन के सम्बन्ध में प्रभागीय लौगिंग प्रबन्धक, उत्तराखण्ड वन विकास निगम, हरिद्वार को पत्र प्रेषित किया गया। इसके अलावा एनएच. – 74 पर श्यामपुर, चिड़ियापुर एवं रसियाबाड़ रेंज के अन्तर्गत अवशेष 2670 वृक्षों के पातन की कार्यवाही उपवन संरक्षक, वन प्रभाग, हरिद्वार द्वारा की जानी है। राष्ट्रीय राजमार्ग 74 पर प्रस्तावित गंगा सेतु के नीचे प्रभावित वृक्षों के पातन के सम्बन्ध में अधिशासी अभियंता उत्तरी गंगा नहर, सिंचाई विभाग रूड़कीध्वन विभाग हरिद्वार को आवश्यक कार्यवाही हेतु पत्र प्रेषित किया गया है। जिलाधिकारी ने संबंधित विभाग को जिलाधिकारी कार्यालय के माध्यम से पत्र प्रेषित करने एवं वृक्षों के पातन संबंधी आवश्यक कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये।
उन्होंने बताया कि एनएच 74 में 132 के.वी. एचटी टावर के शिफ्टिंग हेतु पिटकुल हरिद्वार को जून 2018 में रूपये 1.37 करोड़ की धनराशि जमा की जा चुकी है। पिटकुल हरिद्वार द्वारा प्रभागीय वनाधिकारी हरिद्वार से टावर शिफ्टिंग हेतु आवश्यक अनुमति का अनुरोध किया गया था। पिटकुल हरिद्वार द्वारा अवगत कराया गया कि टेंडर निरस्त होने की वजह से कार्य में देरी हुई है। शीघ्र ही कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
एनएचएआई के तकनीकी प्रबन्धक एस.के. वर्मा ने बताया कि एन.एच. 73 के अंतर्गत सालियार साल्हापुर, करोन्दी रूड़की मंे प्रभावित काश्तकारों द्वारा मुआवजे की मांग की जा रही है। एनएच 72 ए अलावलपुर में ग्रामीणों द्वारा कार्य बाधित किया जा रहा है, ग्रामीणों द्वारा स्लिप रोड एवं अंडरपास की मांग की जा रही है। तकनीकी प्रबन्धक एनएचआई द्वारा कार्य सुचारू रूप से करने के लिए पुलिस बल की मांग की गयी है। बैठक में बताया गया कि एनएच 334 ए (पुरकाजी-लक्सर-हरिद्वार) का 20 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका तथा जुलाई 2020 तक कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि निर्माणाधीन राजमार्गों के तय समय सीमा से 01 माह मार्जिन लेकर कार्य पूरा करने का लक्ष्य बनायें। निर्माण कार्यों में तेजी लायें तथा गुणवत्ता के साथ किसी भी प्रकार का समझौता न करें।