देहरादून। उत्तराखंड में लगातार हो रही बर्फबारी एवं बारिश के चलते जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। प्रदेश शीतलहर की चपेट में आ गया है। बर्फ पड़ने से कई स्थानों पर मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं। समूचे प्रदेश में लगातार दूसरे दिन बारिश-बर्फबारी का क्रम जारी रहा। पहाड़ों में भारी हिमपात के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग समेत दो दर्जन से अधिक संपर्क मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं। बर्फबारी से बंद मार्गों को जेसीबी से सुचारु करने का प्रयास किया जा रहा है। मैदानों में लगातार हो रही बारिश से शीत दिवस की स्थिति रही, जबकि पहाड़ों में सर्द हवा ने आमजन की परेशानी बढ़ा दी। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, आज भी ज्यादातर इलाकों में बारिश और बर्फबारी की आशंका है।
प्रदेश में पिछले चार दिन से मौसम का मिजाज बदला हुआ है। शुक्रवार को कुछ इलाकों में धूप खिलने के बाद प्रदेशभर में घने बादलों ने डेरा डाल लिया था। इसके बाद देर रात शुरू हुआ बारिश का क्रम शनिवार और रविवार को भी जारी रहा। इस बीच ऊंचाई वाले इलाकों में हिमपात के कई दौर हुए।

गंगोत्री-यमुनोत्री हाईवे सहित थल-मुनस्यारी सड़क बंद होने की वजह से जगह-जगह यात्री फंसे हुए हैं। बारिश- बूंदाबादी के कारण रविवार को मौसम के तेवर तल्ख रहे। पूरा उत्तराखंड कड़ाके की ठंड की चपेट में है। पहाड़ी इलाकों में बारिश और कोहरा छाए रहने से कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। वहीं मैदानी क्षेत्र में कोहरा-बूंदाबांदी ने सर्दी का कहर बढ़ा दिया है।

देहरादून, हरिद्वार समेत मैदानी इलाकों में दिनभर रिमझिम बारिश हुई। बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री, औली, हर्षिल, चौखंभा, धनोल्टी, नागटिब्बा, मसूरी, नैनीताल, मुनस्यारी समेत तमाम ऊंचाई वाले इलाकों में हिमपात हुआ। चकराता के पास लोखंडी की पहाडिय़ां भी बर्फ से लकदक हो गई हैं।

उधर, कुमाऊं में रात से ही बारिश और हिमपात का क्रम बना हुआ है। नैनीताल के ऊंचाई वाले हिमालय व्यू और किलबरी क्षेत्र में सुबह बर्फबारी के बाद शीतलहर चल रही है। बागेश्वर जिले में कपकोट, ग्वालदम व पिनाथ की पहाडिय़ों समेत आसपास के गांवों में लगातार हिमपात हो रहा है। पिथौरागढ़ के मुनस्यारी में रात से ही हिमपात जारी है। इससे थल-मुनस्यारी, दारमा और कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग बंद हो गए हैं।
कालामुनि, बिटलीधार, बलाती में दो से तीन फीट तक हिमपात हो चुका है। मुनस्यारी में न्यूनतम तापमान माइनस चार डिग्री सेल्सियस पहुंच चुका है। रानीखेत के चौबटिया, शीतलाखेत व स्याहीदेवी की चोटियों पर सुबह बर्फबारी हुई। इधर, गांगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग हर्षिल के पास बंद है। धनोल्टी के पास चंबा मार्ग भी बर्फबारी से बंद हो गया है। इसके अलावा पहाड़ों में दो दर्जन से अधिक संपर्क मार्ग हिमपात से पूरी तरह अवरुद्ध हो गए हैं। ज्यादातर इलाकों में अधिकतम तापमान में सामान्य से पांच से 10 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई है।
राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार प्रदेश में सोमवार को भी मौसम के मिजाज में बदलाव के आसार नहीं हैं। ज्यादातर इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। 2000 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में हिमपात के आसार हैं। हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर के कुछ इलाकों में शीत दिवस की स्थिति रह सकती है।

उत्तरकाशी जनपद के ऊंचाई वाले इलाकों में दो दिनों से बर्फबारी का दौर जारी है। इस दौरान जमकर हुई बर्फबारी ने उत्तरकाशी के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में मुश्किलें बढ़ा दी हैं। बर्फबारी के कारण गंगोत्री-यमुनोत्री राजमार्ग सहित 4 संपर्क मार्ग भी बंद पड़े हैं। केदारनाथ घनसाली और लंबगांव मोटरमार्ग भी बर्फबारी के कारण ठप है। बीते शनिवार सुबह से जिले में गंगोत्री यमुनोत्री के अलावा हर्षिल, जानकी चट्टी, रैथल, बार्सू, गंगनानी, जखोली, सांकरी सहित आदि क्षेत्रों में बर्फबारी हुई। निचले इलाकों में जमकर बारिश हुई। गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग से बीआरओ की टीम ने झाला तक बर्फ को तो हटाया है लेकिन, हाईवे पूरी तरह से बहाल नहीं हो पाया है। जिसमें फिसलन बनी हुई है।
ऐसे में हाईवे पर पर्यटकों के वाहनों की आवाजाही शुरू नहीं हुई है। धरासू यमुनोत्री राजमार्ग रविवार की शाम तक बंद रहा। एनएच की टीम ने रविवार की शाम को छोटे वाहनों के लिए राजमार्ग को सुचारू किया। लेकिन, छोटे वाहनों की आवाजाही के दौरान कई स्थानों पर फिसलन बनी हुई है। वहीं हनुमान चट्टी से जानकी चट्टी तक भी मार्ग बंद है। उत्तरकाशी से लंबगांव श्रीनगर मार्ग चौरंगी के आसपास बंद पड़ा हुआ है।
जिले के केदारनाथ धाम समेत ऊंची चोटियों पर रविवार को दिनभर बर्फवारी हुई। जबकि निचले क्षेत्रों में हल्की बारिश होने मौसम ठंडा हो गया। जिससे जिला मुख्यालय सहित अनेक कस्बों में लोगों की चहल कदली कम देखी गई। रविवार सुबह से ही आसमान में बादल छाने से मौसम गुमशुम रहा। जिसके बाद केदारनाथ, मदमहेश्वर, तुंगनाथ, चन्द्रशिला, चोपता, दुगलविट्टा, कार्तिक स्वामी, देवरियाताल समेत ऊंचाई वाले स्थानों पर दूसरे दिन भी दिनभर बर्फवारी होती रही।
पिछले दो दिन से लगातार हो रही बर्फबारी के चलते जनपद में शीतलहर का प्रकोप भी बढ़ गया। जिला मुख्यालय समेत निचले इलाकों में भी बादलों के साथ बीच-बीच हल्की बारिश होती रही। पूरे दिनभर सूर्यदेव ने दर्शन नहीं दिए। बर्फबारी और बिगड़े मौसम का असर निचले इलाकों में भी देखा जा रहा है। जिले में ठंड से बचने के लिए लोग घरों में ही कैद होने के साथ बाजार के कई कस्बों में व्यापारियों ने अलाव भी जलाए। बर्फबारी के चलते चोपता-गोपेश्वर मार्ग पर आवाजाही प्रभावित हो गई है। जनपद के सीमांत क्षेत्रों में बर्फबारी ने लोगों की मुसीबतें बढ़ा दी है।
शनिवार सुबह से चकराता की ऊंची चोटियों पर पर शुरु हुई। बर्फबारी का सिलसिला देर रात तक जारी रहा रविवार सुबह तक क्षेत्र की ऊंची चोटियों सहित चकराता बाजार भी बर्फ की सफेद चादर से ढक गया। चकराता बाजार में बर्फबारी हो जाने से यहां आए पर्यटकों ने पड़ रही बर्फ का जमकर लुत्फ उठाया। चकराता बाजार में सीजन की दूसरी व ऊंचाई वाले इलाको में पांचवीं बार जमकर बर्फबारी हुई।
शनिवार सुबह से ही चकराता की ऊंची पहाड़ियों देवबन, खडम्बा, मुंडाली, लोखंडी, व्यास शिखर, लोखंडी, मोयला टॉप, सहित चकराता छावनी बाजार, जाड़ी, मुंगाड, कोटी कनासर, मोहना, इंद्रोली आदि क्षेत्र में बर्फबारी शुरू हो गयी थी। जो पूरे दिन रुक रुक कर चलती रही शनिवार देर शाम से चकराता बाजार में भी जम कर बर्फबारी हो रही है। जो खबर लिखे जाने तक जारी है।