पिथौरागढ़/धारचूला। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जनपद में धारचूला जुम्मा गांव के जमुनिया तोक में बादल फटने के कारण भारी तबाही मची है। जनपद के धारचूला जुम्मा गांव में जामुनी तोक में लगभग पांच और सिरौउड़यार तोक में दो आवासीय मकान क्षतिग्रस्त हो गए। पिथौरागढ़ के धारचूला के जुम्मा में भारी बरसात के बाद हुए भूस्खलन से चार लाेगों की मृत्यु हो गई है, जबकि 10 लोग लापता बताए जा रहे हैं और सात घर जमींदोज हो गए हैं। प्रशासन और स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के मुताबिक मृतकों में तीन बच्चे शामिल हैं। अभी भी छह लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका जताई जा रही है। लापता लोगों की खोजबीन के लिए रेस्क्यू अभियान जारी है। आपदा नेपाल में बादल फटने से आई। आपदा से आंतरिक मार्ग के साथ धारचूला तपोवन में एनएचपीसी के दो आवासीय परिसर काली नदी में समा गए हैं। फंसे लोगों को निकालने के लिए राहत बचाव कार्य चल रहा है। प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक रविवार को जुम्मा में भूस्खलन हो गया। इससे छह घर ध्वस्त हो गए। घटना में छह लोगों के लापता होने की आंशका जताई जा रही है।
सूचना मिलने के बाद बचाव और राहत दल घटनास्थल को रवाना हो गया है। लेकिन आंतरिक मार्ग ध्वस्त होने से रेस्क्यू टीम के लिए गांव तक पहुंचना मुश्किल हो गया है। घटना के तीन घंटे बाद भी प्रशासन की टीम घटनास्थल तक नहीं पहुंच सकी है। वहीं नेपाल में बादल फटने के बाद काली नदी ने विकराल रूप धारण कर लिया है। खतरे को देखते हुए प्रशासन ने तट पर बसे लोगों को घर छोड़ सुरक्षित स्थान पर जाने को कहा है। जगह-जगह क्षेत्र में मलबा का ढेर लग गया है।