नई दिल्ली। देश-विदेश में संस्कृत के संरक्षण एवं प्रचार-प्रसार का जिम्मा संभाल रहे केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली में कार्यवाहक कुलपति के रूप में प्रो0 के0 बी0 सुब्बारायुडु की नियुक्ति हो गयी है। अब यहाँ के 175 अस्थायी प्राध्यापकों को शीघ्र पुनःनियुक्ति मिलने की उम्मीद है। ये लोग विगत ढाई महीने से अधिक समय से अपनी बहाली की बाट जोह रहे थे।
कुलपति प्रो0पी0एन0 शास्त्री के 14 जून को सेवानिवृत्त होने के बाद से यह पद खाली था। प्रो0सुब्बारायुडु को यह दायित्व दिया गया है। वे संपूर्ण विश्वविद्यालय के सभी परिसरों में वरिष्ठ प्रोफेसर (वेदांत) हैं और इस यूनिवर्सिटी में कुलसचिव रह चुके हैं। वे श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर, देवप्रयाग, उत्तराखंड में प्राचार्य रह चुके हैं। वर्तमान में वे पुरी,उडी़सा परिसर में सेवारत थे। प्रो0सुब्बारायुडु विदेश में भी वर्षों तक सेवा दे चुके हैं। उत्तराखंड के देवप्रयाग परिसर का निर्माण कार्य इन्हीं की देखरेख में आरंभ हुआ था। हिमाचल स्थित बलाहार परिसर का निर्माण कार्य भी इन्हीं की देखरेख में हुआ है।
बता दें कि केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय इससे पहले राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान (डीम्ड यूनिवर्सिटी) था। पिछले साल इस संस्थान को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा मिला। देशभर में इसके 12 परिसर विभिन्न राज्यों में हैं,जहाँ ज्योतिष, वेद, वेदांत, न्याय, साहित्य, व्याकरण के साथ ही हिन्दी, अंग्रेजी, कंप्यूटर, अंग्रेजी, राजनीति विज्ञान एवं क्षेत्रीय भाषा की पढा़ई होती है। बीएड एवं पीएचडी की भी सुविधा है। विश्वविद्यालय के परिसरों में प्राक्शास्त्री एवं शास्त्री प्रथम वर्ष में प्रवेश के इच्छुक छात्र आवेदन कर सकते हैं।
केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के अस्थायी प्राध्यापकों ने अपनी शीघ्र बहाली की उम्मीद व्यक्त कर कार्यवाहक वीसी प्रो0सुब्बारायुडु को शुभकामनाएं प्रेषित की हैं। साथ ही समस्या के निस्तारण हेतु केंद्रीय शिक्षा मंत्री का भी धन्यवाद ज्ञापित किया है।
-डॉ.वीरेन्द्र बर्त्वाल,देहरादून