देहरादून। उत्तराखंड में चार धाम यात्रा अक्षय तृतीया के दिन शुरू हो गई है। अक्षया के पावन पर्व पर गंगोत्री के कपाट खोले गए, वहीं यमुनोत्री के कपाट इस पावन अवसर पर खोले गए, बाबा केदारनाथ के कपाट 17 मई को खोले जाएंगे। आज बाबा की चल विग्रह डोली उखीमठ से रवाना हो गई है। कोविड वायरस के चलते इस अवसर पर सीमित लोगों द्वारा यह प्रक्रिया पूरी की गई।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर बीते साल की तरह इस वर्ष भी यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के मौके पर पूर्व की भांति श्रद्धालुओं की भीड़ एवं हर्षोल्लास पूरी तरह नदारद रहेगा।
कोरोना महामारी के कारण गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम के कपाट के अवसर पर इस बार भी तीर्थ पुरोहितों समेत 21-21 लोगों को ही यमुनोत्री एवं गंगोत्री धाम में कपाटोद्घाटन पर मौजूद रहने की अनुमति है, जबकि देश विदेश के तीर्थ यात्री इस पावन पर्व पर कपाट उद्घाटन के साक्षी नहीं बन सकेंगे।
विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री एवं गंगोत्री धाम के कपाट प्रत्येक वर्ष अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए जाते हैं। इस बार भी तय तिथि पर ही यमुनोत्री एवं गंगोत्री धाम के कपाट खुलेंगे। लेकिन, कपाट उद्घाटन के इस पावन पर्व पर देश-विदेश के श्रद्धालु इस बार यमुनोत्री एवं गंगोत्री धाम नहीं पहुंच सकेंगे। देश एवं प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए सरकार द्वारा एहतियातन चार धाम यात्रा पर रोक लगाई हुई है तथा तीर्थ पुरोहितों को सीमित लोगों की उपस्थिति में कपाट खोलने की अनुमति दी गई है।
कपाट उद्घाटन के मौके पर हर साल गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम में हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते थे और यमुना व गंगा में स्नान करने के साथ ही मां यमुना व मां गंगा के दर्शन कर पुण्य लाभ अर्जित करते थे।
इस दौरान दोनों धाम क्षेत्र मां गंगा व यमुना के जयकारों से गुंजायमान रहते थे। लेकिन इस ऐतिहासिक एवं धार्मिक लम्हों का अनुभव लेने का अवसर गत वर्ष से देश विदेश के श्रद्धालुओं को नही मिल पा रहा है। वर्ष 2020 में चारों धामों के कपाट उद्घाटन के अवसर पर श्रद्धालुओं की आस्था पर कोरोना ने खलल डाली और इस बार भी कपाट उद्घाटन पर कोरोना का साया छाया हुआ है। बता दें कि केदारनाथ धाम के कपाट 17 मई और बदरीनाथ धाम के कपाट 18 मई को खोले जाएंगे।