देहरादून। श्री हेमकुंड साहिब के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। हेमकुंड साहिब के कपाट बंद होने के दौरान करीब 1350 सिख श्रद्वालुओं का जत्था अंतिम अरदास के साक्षी रहे। सुबह 9.30 बजे पहली अरदास हुई। इसके बाद 10:00 बजे सुखमणी का पाठ और 11:00 बजे शबद कीर्तन हुआ। दोपहर 12ः30 बजे इस साल की अंतिम अरदास पढने के बाद गुरू ग्रंथ साहिब को पंच प्यारों की अगुवाई में सचखंड में विराजमान किया गया। दोहपर 13:30 बजे पूर्ण विधि विधान के साथ हेमकुण्ड साहिब के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए।
इस वर्ष कोरोना महामारी के चलते हेमकुंड साहिब के कपाट 04 सितंबर को श्रद्वालुओ के लिए खोले गए थे। इस साल केवल 36 दिनों तक चली यात्रा में करीब 8500 श्रद्वालुओं ने हेमकंड साहिब के दर्शन किये। जबकि पिछले वर्ष 2.39 लाख से अधिक श्रद्वालु हेमकुंड साहिब पहुॅचे थे।