देहरादून। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जनपद के मुनस्यारी इलाके के गांव में बादल फटने के बाद आए तेज पानी में तीन लोगों की मौत हो गई। मरने वाले गैला गांव के रहने वाले हैं। बंगापानी तहसील के टांगा और गैला गांव में रविवार देर रात हुई अतिवृष्टि ने भारी तबाही मचाई। पहाड़ी से पानी के उफान के साथ हुए भूस्खलन के कारण कई घर जमींदोज हो गए। गैला गांव में दंपती, बेटी की मौत हो गई। पांच लोग घायल हैं। टांगा मुनियाल गांव में 11 लोग लापता थे, जिसमें से दो के शव मलबे में दिखे हैं। पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी वीके जोगदंडे ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि राहत एवं बचाव दल मौके पर पहुंच गया है।
पिथौरागढ़ जिले में शनिवार के बाद रविवार की रात भी बादल फटने की घटना हुई। इससे जो सैलाब आया, उसमें गैला गांव के तीन लोगों की मौत हो गई है। मृतकों के नाम शेर सिंह, गोविंदी और ममता बताए गए हैं। गांव में मकान जमींदोज होने से तीन लोग लापता बताए जा रहे हैं, जबकि पांच घायल हैं। इलाके के टांगा गांव में भूस्खलन के दौरान पहाड़ी से निकले मलबे के साथ तीन मकान भी बह गए हैं। जिला प्रशासन ने 8 लोगों के लापता होने की पुष्टि की है।
मुनस्यारी और आसपास के इलाके में पिछले दो दिनों से मौसम ने जो रौद्र रूप अख्तियार कर रखा है, उससे इलाके के लोग दहशत के साये में जी रहे हैं। यहां तकरीबन दर्जन भर से अधिक गावों में बारिश ने भारी तबाही मचाई है। खतरे की जद में आए परिवारों को शनिवार से ही शिफ्ट किया जा रहा है। मुनस्यारी को जाने वाली दोनों सड़कें बंद हैं। जिलाधिकारी वीके जोगदंडे ने बताया कि प्रभावित क्षेत्र में एसडीआरएफ और मेडिकल टीम भेजी गई है। एक घायल को रेस्क्यू किया गया है।
इससे पहले शनिवार की रात को भी पिथौरागढ़ जिले के बंगापानी तहसील और छोरीबगड़ में बारिश ने जबर्दस्त कहर बरपाया था। यहां 5 मकान भारी बारिश के चलते जमींदोज हो गए। अभी कम से कम 30 और मकान खतरे की जद में हैं। गनीमत ये रही कि इन सभी मकानों में रहने वाले लोगों को प्रशासन द्वारा पहले ही सुरक्षित जगह शिफ्ट कर दिया गया था। जौलजीबी को मुनस्यारी से जोड़ने वाला 120 मीटर लंबा मोटर पुल भी नदी के तेज बहाव में समा गया। साथ ही लगभग 50 मीटर सड़क भी बह गई।
मुनस्यारी के तल्ला घोरपट्टा जैती मोटर पुल नाले में बह गया। आरसीसी से बना एक पुल नाले के तेज बहाव में रेत के महल की तरह बह गया। मुनस्यारी के धापा गांव में 5 साल का बच्चा तन्मय नाले के तेज बहाव में बह गया लेकिन इसे चमत्कार ही कहा जायेगा कि बच्चे को 5 घंटे बाद घर से 200 मीटर दूर मलबे से जिंदा बरामद किया गया। फिलहाल तन्मय का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज चल रहा है। बंगापानी के छोरीबगड़ में पानी के तेज बहाव के चलते 5 मकान जमींदोज हो गए हैं। गनीमत ये रही कि घरों के गिरने से पहले सभी लोगों को प्रशासन ने दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया था, जिससे जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ। पिथौरागढ़ के डीएम ने रविवार को आपदा प्रभावित इलाकों का दौरा भी किया था।