14 Mar 2025, Fri

उत्तराखंड में सरकार कोराना टेस्टिंग की गति बढ़ाएः धीरेन्द्र प्रताप 

देहरादून। उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने उत्तराखंड में कोरोना टेस्टिंग की गति के बहुत ही धीमी रहने पर चिंता व्यक्त करते हुए, सरकार से इसे तत्काल  बढ़ाए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि राज्य में 7000 से ज्यादा लोग पिछले कई दिनों से अपने कोरोना टेस्टिंग की पेंडिंग रिपोर्ट की इंतजार कर रहे हैं परंतु इसमें कहीं कोई तेजी आती दिखाई नहीं देती। हालत यह है कि जो अन्य हिमालयी राज्य हैं इसमें जम्मू कश्मीर, हिमाचल यहां तक कि उत्तर पूर्वी राज्यों में भी कोरोना टेस्टिंग की गति उत्तराखंड के मुकाबले कहीं तेज है।
कोरोना लाॅक डाउन के पांचवे दौर में अब जबकि 70 दिन हो चुके हैं, तब कही जाकर देहरादून में पांचवी कोराना टैस्टिंग लैब खोलने की बात  राज्य सरकार द्वारा कही  जा रही है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है जैसे शासन हाथ पर हाथ धरे बैठा हुआ है और सोच रहा है कि शायद कोरोना का भूत यहां से खुद ही चला जाएगा। उन्होंने मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह के उस दावे को कि राज्य में 14,000 कोरोना मरीजों के लिए बिस्तरों की व्यवस्था कर दी गई है को भी अतिरंजित दावा बताया और कहा कि जिलों से जो रिपोर्ट आ रही है उसमें ज्यादातर लोग गांव में टूटे-फूटे स्कूलों में  भगवान के भरोसे  जमीन पर पड़े हैं। और उनका रोने वाला कोई नहीं नहीं है ।
उन्होंने सरकार से मांग की है कि जब वह कह रही है कि दिल्ली से 2000000 करोड रुपए के पैकेज के बाद राज्य को बहुत सुविधाएं मिल गई है तो क्या कारण है कि वह कोरोना की जांच करने वाली प्रयोगशालाओं की संख्या नहीं बढ़ा रही और आज की तारीख में 7000 कोरोना टेस्टिंग के मामले पेंडिंग में है और उनकी दिन प्रतिदिन संख्या बढ़ती ही जा रही है  और सरकार कुछ नहीं कर पा रही है।उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में थैली सैंण में सातवीं मौत हुई है ।जिसमें एक महिला ने क्वॉरेंटाइन केंद्र में दम तोड़ दिया। उन्होंने कहा कि सरकार खुद क्वरन्टाईन हुईपडी  है । उन्होंने कहा कि उनकी राय है  दिल्ली में भाजपा नेतृत्व को चाहिए कि वह राज्य में नया नेतृत्व दे ,जो स्वस्थ हो और अपनी जिम्मेदारी और दायित्व समझता हो और राज्य के अस्वस्थ लोगों को अच्छे स्वास्थ्य की तरफ कोरोना से टक्कर लेते हुए ले जा सके। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह की उस मांग को दोहराया है जिसमें उन्होंने पिछले 15 दिनों में आधा दर्जन से ज्यादा  मौतों पर चिंता व्यक्त करते हुए मृतक परिवारों को 10-10 लाख रूपए मुआवजे के तौर पर जल्द दिए जाने की मांग उठाई है।

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