6 Jul 2025, Sun

लीवर का ख़राब होना हमारे स्‍वास्‍थ्‍य को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है। एक तो खाना नहीं पचेगा, इससे भोजन के तत्‍व रस, रक्‍त में परिवर्तित नहीं हो पाएंगे, स्‍वास्‍थ्‍य लगातार गिरता जाएगा, अनमनापन बना रहेगा, किसी काम में मन नहीं लगेगा।  ज़्यादा दिनों तक यदि यह स्थिति रही तो अचलस्‍त भी हो जाएंगे। इसके अलावा पीलिया, हेपेटाइटिस बी, सी आदि भयानक रोग जन्‍म ले सकते हैं। इसलिए हमेशा लीवर को ठीक रखने का उपाय करना चाहिए। लीवर भोजन पचाने के अलावा ऊर्जा को संरक्षित करता है, विषैले पदार्थों को शरीर से बाहर निकालता है, प्रतिरोधक क्षमता को मज़बूत करने के साथ ही अनेक आवश्‍यक रसायनों का उत्‍पादन करता है। भोजन में ज़्यादा तेल, घी का प्रयोग, शराब का सेवन आदि लिवर खराब होने के मूल कारण हैं। लेकिन ऐसा नहीं कि यदि आप शराब का सेवन नहीं करते तो आपका लीवर ख़राब नहीं हो सकता। अनियमित व दूषित खान-पान के अलावा भी कई कारण हो सकते हैं।

लीवर ख़राब होने से मुंह में अमोनिया ज़्यादा रिसता है, जिससे मुंह से बदबू आती है। त्‍वचा क्षतिग्रस्‍त होने लगती है, ख़ासकर आंखों के नीचे की त्‍वचा सबसे पहले प्रभावित होती है। त्‍वचा पर थकान साफ़ नज़र आने लगती है। त्‍वचा का रंग उड़ जाता है और कभी-कभी सफेद धब्‍बे दिखाई पड़ते हैं, इन्‍हें लीवर स्‍पॉट कहा जाता है।

कभी-कभी जब लीवर पर वसा जम जाता है तो पानी भी नहीं पचता है। मल-मूत्र में हमेशा हरापन लीवर ख़राब होने का संकेत है। यदि यह कभी-कभार हो तो स‍मझिए लीवर ख़राब नहीं है बल्कि पानी की कमी से ऐसा हुआ।

यदि पीलिया रोग हो गया है तो इसका मतलब कि लीवर में गड़बड़ी आ गई है। लीवर से स्रवित होने वाला एंजाइम बाइल का स्‍वाद कड़वा होता है, जब मुंह में कड़वापन आने लगे तो समझ लेना चाहिए कि लीवर में कुछ गड़बड़ी आ गई है और बाइल मुंह तक आ रहा है।

पेट में सूजन आने का मतलब लीवर बड़ा हो गया है। प्रतिदिन प्रातःकाल खाली पेट एक चुटकी साबूत चावल निगलकर ऊपर से पानी पीने पर लीवर के रोगी को आराम मिलता है।

सुदर्शनवटी 1 से 4 गोली दिन में तीन बार लेने से लीवर और प्लीहा के दर्द में राहत होती है। 20 से 50 मिलिलीटर अनार का रस पीने से अथवा 20 मिलिलीटर कुंवारपाठे के रस में 1 से 5 ग्राम हल्दी मिलाकर पीने से लाभ होता है।

प्लीहा (तिल्ली) की वृद्धि में पपीते की पुल्टिस बनाकर बाँधने से एवं दिन में 3 बार पपीते का आधा चम्मच दूध एक चम्मच मिश्री मिलाकर खिलाने से लाभ होता है।

रात को सोने से पहले एक गिलास दूध में थोड़ी सी हल्‍दी मिलाकर पी जाएं। हल्‍दी में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, यह एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करती है। यह हेपेटाइटिस बी, सी के वायरस को भी बढ़ने रोकती है।

भोजन से पहले एक गिलास पानी में एक चम्‍मच सेब का सिरका व एक चम्‍मच मधु मिलाकर सेवन करने से लीवर में मौजूद विषैले पदार्थ बाहर निकल जाते हैं। यह शरीर की चर्बी भी घटाता है।

लीवर को स्‍वस्‍थ रखने के लिए प्रतिदिन चार-पांच कच्‍चा आंवला खाना चाहिए। इसमें भरपूर विटामिन सी मिलता है जो लीवर के सुचारु संचलन में मदद करता है।

लीवर सिरोसिस के लिए पपीता रामबाण इलाज है। प्रतिदिन दो चम्‍मच पपीता के रस में आधा चम्‍मच नींबू का रस मिलाकर पीने से लीवर सिरोसिस ठीक हो जाता है। लीवर की रक्षा के लिए तीन-चार सप्‍ताह तक नियमित इसका सेवन करना चाहिए।

लीवर को ठीक रखने के लिए सिंहपर्णी जड़ की चाय दिन में दो बार पीना चाहिए। इसे पानी में उबालकर भी पीया जा सकता है, बाज़ार में सिंहपर्णी का पाउडर भी मिलता है।

पानी उबाल लें और उसमें मुलेठी की जड़ का पाउडर डाल दें। जब पानी ठंडा हो जाए तो उसे छानकर कर रख लें और दिन में दो बार सेवन करें। इसे चाय के बराबर लेना चाहिए। इससे ख़राब लीवर को ठीक किया जा सकता है।

अलसी के बीज को पीसकर टोस्‍ट या सलाद के साथ खाने से लीवर की बीमारियां नहीं होतीं। अलसी में फीटकोंस्टीटूएंट्स होता है जो हार्मोंन को रक्‍त में घूमने से रोकता है और लीवर का तनाव कम करता है।

एवोकैडो और अखरोट में ग्लुटथायन मिलता है जो लीवर में मौजूद विषैले तत्‍वों को बाहर निकालने में मदद करता है।लीवर सिरोसिस के लिए पालक व गाजर के रस का मिश्रण उत्‍तम इलाज है। दोनों की मात्रा समान होनी चाहिए। दिन में कम से कम एक बार इसका सेवन जरूर करना चाहिए।

पत्‍तेदार सब्ज़ियों व सेब में पेक्टिन पाया जाता है जो पाचन तंत्र के विषैले तत्‍वों को बाहर निकालकर लीवर को ठीक रखता है।

भूमि आंवला लीवर की तमाम समस्‍याओं को दूर करता है। इसे उखाड़कर जड़ सहित पीस लें और पी जाएं। लीवर का सूजन, लीवर का बढ़ना व पीलिया आदि रोगों में यह अत्‍यंत लाभकारी है।

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