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देहरादून । देहरादून में इन दिनों गुलदार के हमले से दहशत का माहौल है। कई जगह बच्चों पर हमले की खबरें सामने आ रही है।

रविवार को कंडोली में 12 साल के बच्चे पर तेंदुए ने हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। घटना राजपुर थाना क्षेत्र के कैनाल रोड के पास की है। बच्चे खेल रहे थे, इसी दौरान गुलदार ने एक बच्चे पर पीछे से हमला कर दिया।

घटना रविवार शाम करीब सवा छह बजे राजपुर थाना क्षेत्र में कैनाल रोड स्थित सुंधोवाली में घटी। 12 वर्षीय निखिल थापा पुत्र शेरबहादुर थापा अपने चार-पांच दोस्तों के साथ रिस्पना नदी किनारे वॉलीबाल खेलकर लौट रहा था। इसी दौरान निखिल पर गुलदार ने हमला कर दिया। गुलदार ने उसका सिर पकड़ा और खींचकर ले जाने लगा। निखिल की चीख सुनकर उसके बहादुर साथी भागे नहीं, बल्कि उन्होंने तुरंत निखिल के पैरों को पकड़ लिया और शोर मचा दिया।

देहरादून में दोस्तों के साथ नदी किनारे खेलकर लौट रहे 12 वर्षीय बच्चे पर गुलदार ने हमला कर दिया। इससे पहले की गुलदार उसे ले जाता, साहसी साथियों ने अपनी जान जोखिम में डालकर उसे छुड़ा लिया। बुरी तरह घायल बच्चे का दून अस्पताल में इलाज चल रहा है।

इस पर गुलदार निखिल को छोड़कर भाग गया। हल्ला सुनकर मौके पर पहुंचे लोगों ने घायल निखिल को उठाया और पुलिस को सूचना दी। चौकी प्रभारी जाखन विकेंद्र सिंह अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और 108 एंबुलेंस से निखिल को दून अस्पताल पहुंचाया। डॉक्टरों के मुताबिक निखिल के सिर पर बड़ा और गहरा घाव है, उसका उपचार चल रहा है।

इस घटना के बाद से कैनाल रोड क्षेत्र से सटे इलाकों में दहशत का माहौल है। पुलिस और वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर गुलदार की तलाश शुरू कर दी है। बता दें कि करीब 20 दिन पहले ही राजपुर क्षेत्र से ही एक बच्चे को गुलदार आंगन से उठाकर ले गया था।

देहरादून में नदी में खेलकर घर लौट रहे निखिल पर गुलदार काल बनकर झपटा था। लेकिन, उसके साथी अपनी जान की परवाह किए बगैर उससे भिड़ गए और साथी को गुलदार के चंगुल से खींच लिया। साथियों के अनुसार यदि निखिल दो कदम और पीछे होता तो शायद अनहोनी हो जाती। निखिल के ये चारों साथी उसके लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं।

निखिल रविवार दोपहर बाद अपने पड़ोसियों कमल थापा, गौतम थापा, उमेश थापा और करण थापा के साथ रिस्पना नदी में खेलने निकला था। इनमें कमल, गौतम और उमेश की उम्र करीब 21 से 22 वर्ष के बीच है। जबकि, करण निखिल का हमउम्र है।

शाम करीब पांच बजे के बाद वहां अंधेरा होने लगा था। वॉलीबाल खेलते हुए उन्होंने कुछ देर के लिए वहां आग जलाई और हाथ सेंकने लगे। इसी बीच निखिल ने कहा कि घर चलो सब इंतजार कर रहे होंगे। कुछ देर बाद सभी पांचों वहां से चल दिए। इनमें से एक साथी नदी किनारे फैली बेल से लौकी तोड़ने लगा। सबसे पीछे निखिल करीब पांच कदम की दूरी पर चल रहा था।

कमल थापा ने बताया कि करीब छह बजे की बात है उन्होंने पीछे से चीख सुनी। आसपास थोड़ी रोशनी हो रही थी। उन्होंने देखा कि निखिल पर गुलदार झपट गया है। इस पर उन्होंने आव देखा न ताव सभी चारों लोगों ने निखिल के पांव पकड़ लिए। गुलदार के मुंह में निखिल के सिर का पिछला हिस्सा था।

कमल ने बताया कि यदि निखिल दो कदम और दूर होता तो गुलदार उसे खींच ले जाता। निखिल को बचाने वालों में सबसे छोटा करन थापा था। उसकी उम्र भी करीब 12-13 वर्ष है। जैसे ही कमल, उमेश और गौतम निखिल की ओर आए तो करन ने भी बहादुरी दिखाई।