3 Jul 2025, Thu

नई दिल्ली। उत्तराखंड के हरिद्वार में होने वाले कुंभ मेले में कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने रविवार को दिशा-निर्देश (एसओपी) जारी किया है। एसओपी का पालन 27 फरवरी से 30 अप्रैल तक किया जाएगा। कुंभ मेले में आने वाले सभी तीर्थयात्रियों के पास आरटी-पीसीआर टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट होना अनिवार्य होगा। यात्रियों की कोरोना रिपोर्ट 72 घंटे पूर्व की ही मान्य होगी।

एसओपी में कहा गया है कि कुम्भ मेले में आने वाले कोविड-19 की टेस्ट रिपोर्ट अपने मोबाइल फोन या हार्ड कॉपी में रख सकते हैं। इसके अलावा राज्य सरकार सभी राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के दिशा-निर्देश भेजेगी ताकि वहां के लोगों को भी इन मानकों की जानकारी हो और वे इनका पालन करके ही मेले में आयें। एसओपी के अनुसार कोरोना संक्रमण रोकने के लिए मेला परिसर को दिन में दो बार सोडियम हाइपोक्लोराइट से सेनिटाइज करने के निर्देश दिए गए हैं। बाथरूम व कपड़े बदलने वाले रूम को भी दिन में कई बार सेनिटाइट करने का निर्देश है।

प्रदेश सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि कुंभ में सुरक्षा या किसी भी सेवा के लिए तैनात किए जाने वाले कर्मचारियों को प्राथमिकता पर टीका लगाया जाए। सभी भक्तों को कुंभ में भाग लेने से पहले उत्तराखंड सरकार के पोर्टल पर अपनी जानकारी रजिस्टर करनी होगी और नजदीकी हेल्थ सेंटर से अनिवार्य चिकित्सा प्रमाणपत्र प्राप्त करना होगा। मेले में तीर्थयात्रियों की बड़ी संख्या में जांच की जाएगी। इस काम में राज्य सरकार की सहायता एम्स ऋषिकेश, मेला अस्पताल के अलावा भी कई निजी अस्पताल करेंगे। इसके अलावा मेला लगने वाले क्षेत्रों के सीमाओं के आसपास भी थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी। सरकार सीमा के आसपास के क्षेत्रों में स्वच्छता आदि का अनुपालन सुनिश्चित करेगी। मेले में आने-जाने के दौरान भीड़ रोकने के लिये कई एंट्री और एक्जिट गेट बनाए जाएंगे। मेले में एक टीम हमेशा मौजूद रहेगी जो आने वाले यात्रियों की किसी भी तरह की समस्या का समाधान करने की कोशिश करेगी।विदेशी यात्रियों के लिए यात्रा सलाहकार, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध होगा। मेले में 6 फीट की दूरी भी सुनिश्चित करने को कहा गया है।

मेले में मास्क पहनना अनिवार्य होगा। मास्क नहीं पहनने वाले लोगों पर जुर्माना भी लगाया जाएगा। मेले परिसर में मास्क के निस्पादन के लिए कूड़ेदान की भी व्यवस्था होनी चाहिए। हाथ धोने के लिए भी व्यापक व्यवस्था होनी चाहिए। भीड़ के नियंत्रण के लिए व्यापक व्यवस्था सुनिश्चित होनी चाहिए क्योंकि वहां 10 लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। पार्किंग, खाने पीने के स्थानों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए। एसओपी के मुताबिक केन्द्र सरकार ने राज्य सरकार को श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए कोरोना टेस्ट करने के लिए लैब और अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या को भी बढ़ाने को कहा है। ऋषिकेश स्थित एम्स को केन्द बनाने को कहा गया है जहां कोरोना के संभावित मरीजों का इलाज करने की व्यवस्था हो। राज्य सरकार के सभी अस्पतालों में कोरोना के टेस्ट करने की व्यवस्था होनी चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *