कानपुर। अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर बनने वाले भव्य दिव्य श्रीराम मन्दिर के लिए देशभर के प्रत्येक श्रीराम भक्तों का सहयोग लिया जाएगा। इसके लिए विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के कार्यकर्ता पूज्य सन्तों व शेष समाज के लोगों के साथ घर-घर जाएंगे। श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर निर्माण निधि समर्पण अभियान की घोषणा करते हुए विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के केन्द्रीय उपाध्यक्ष व श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महामन्त्री श्री चम्पत राय ने कहा कि आगामी 15 जनवरी (मकर संक्रान्ति) से 27 फरवरी (माघी पूर्णिमा) तक चलने वाले इस सघन अभियान में विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ता देश के 04 लाख गाँवों के 11 करोड़ परिवारों से सम्पर्क कर श्रीराम जन्मभूमि से सीधे जोड़कर रामत्व का प्रसार करेंगे। देश की हर जाति, मत, पंथ, संप्रदाय, क्षेत्र, भाषा के लोगों के सहयोग के साथ श्रीराम मन्दिर वास्तव में एक राष्ट्र मन्दिर का रूप लेगा। असंख्य श्रीराम भक्तों के संघर्ष व बलिदान को नमन् करते हुए उन्होंने प्रत्येक राम भक्त से इस राम काज के लिए बढ़-चढ़ कर आगे आने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इसके लिए हमें सिर्फ निधि-दानी ही नहीं अपितु, समय-दानी भी चाहिए। आज कानपुर के सिविल लाइन्स स्थित लिटिल शेफ के 01 नम्बर सभागार में पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए चम्पत राय जी ने कहा कि भगवान श्रीराम की जन्मभूमि को पुनः प्राप्त कर देश के सम्मान की रक्षा के लिए हिन्दू समाज ने 05 सदियों तक संघर्ष किया। अन्ततः समाज की भावनाओं तथा मन्दिर से जुड़ी इतिहास की सच्चाइयों को सर्वोच्च अदालत ने स्वीकार कर भारत सरकार को एक न्यास बनाने का निर्देश दिया। सरकार ने “श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र” के नाम से न्यास की घोषणा की। प्रधानमन्त्री महोदय ने 05 अगस्त 2020 को अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पूजन करके मन्दिर के निर्माण की प्रक्रिया को गति प्रदान की। श्री चम्पत राय जी ने बताया कि मन्दिर के निर्माण की तैयारी चल रही है। मुम्बई, दिल्ली, चेन्नई तथा गुवाहाटी के आईआईटी, सीबीआरआई रुड़की, लार्सन एण्ड टूब्रो तथा टाटा के विशेषज्ञ इंजीनियर मन्दिर की मजबूत नींव की ड्राइंग पर परामर्श कर रहे हैं। बहुत शीघ्र नींव का प्रारूप सामने आ जाएगा। सम्पूर्ण मन्दिर पत्थरों का है। प्रत्येक मंजिल की ऊँचाई 20 फीट, लंबाई 360 फीट तथा चैड़ाई 235 फीट है। मन्दिर भूतल से 16.5 मीटर ऊंचाई पर रहेगा। श्री चम्पत राय जी ने कहा कि देश की वर्तमान पीढ़ी को इस मन्दिर के इतिहास की सच्चाइयों से अवगत कराने की योजना बनी है। देश की कम से कम आधी जनसंख्या को घर-घर जाकर श्रीराम जन्मभूमि की ऐतिहासिक सच्चाई से अवगत कराया जाएगा। कश्मीर से कन्याकुमार तथा अटक से कटक तक देश का कोई कोना नहीं छोड़ेंगे। अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, अण्डमान, निकोबार तथा कच्छ के रण से पर्वतीय क्षेत्रों तक सम्पूर्ण भारत में विहिप कार्यकर्ता पहुँच कर श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर का साहित्य देंगे तथा उनका सहयोग लेंगे। लोगों की प्रबल इच्छा है कि भगवान की जन्मभूमि पर मन्दिर शीघ्र बने। उन्होंने कहा कि इस जन-सम्पर्क अभियान में लाखों कार्यकर्ता जुटेंगे तथा समाज स्वेच्छा से सहयोग करेगा क्योंकि काम भगवान का है व मन्दिर भी राम का है। भगवान के कार्य में धन बाधा नहीं हो सकता। आर्थिक विषय में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए न्यास ने
10 रुपये, 100 रुपये, 1000 रुपये या इससे अधिक देने वाली के लिए रसीद छापी है। समाज जैसा देगा उसी के अनुरूप कार्यकर्ता कूपन या रसीद देंगे। करोड़ों घरों में भगवान के मन्दिर का चित्र भी पहुंचाएंगे।