नई दिल्ली/देहरादून। केन्द्र सरकार की स्वामित्व योजना के अन्तर्गत अब तक एक लाख व्यक्तियों की सम्पत्ति के कार्ड बन चुके हैं। रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से स्वामित्व योजना की शुरुआत कर, संपत्ति कार्ड बांटे। संपत्ति कार्ड डाउनलोड भी कर सकते हैं। स्वामित्व योजना ‘मेरी सम्पत्ति मेरा हक’ के पायलट फेज के तहत छः राज्यों के 763 गांवोंं के 1 लाख लोगों को प्राॅपर्टी कार्ड के वितरण का डिजिटल शुभारंभ किया। महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तराखंड, हरियाणा, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के 1 लाख ग्रामीणों को प्राॅपर्टी कार्ड वितरित किए। इनमें उत्तराखंड के 50 गांवों के 6800 लोग शामिल हैं।
ग्रामीणों को स्वामित्व योजना जैसी अनुपम सौगात देने के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से स्वामित्व योजना के उद्घाटन कार्यक्रम में हरिद्वार से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत व शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक शामिल हुए। प्रदेश में दो अलग-अलग स्थलों पर कार्यक्रम आयोजित किये गये। ऊधमसिंह नगर के 40 गांवों के लोगों को स्वामित्व कार्ड दिया गया, जहां कार्यक्रम में पंचायत मंत्री अरविंद पांडे भी शामिल हुए। पौड़ी जिले के खिर्सू में सहकारिता मंत्री धनसिंह रावत कार्यक्रम से जुड़े। पौड़ी जिले के दस गांवों को इस योजना से जोड़ा गया है।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कृषि कानूनों समेत ग्रामीण भारत के लिए हुए फैसलों का जिक्र करते हुए कहा कि वे गांवों को उनके हाल पर नहीं छोड़ सकते। उन्होंने कहा कि स्वामित्व योजना देश के गांवों में ऐतिहासिक परिवर्तन लायेगी। इस योजना से आपको घर का कानूनी अधिकार मिलने के साथ ही एक कानूनी दस्तावेज भी मिल रहा है। स्वामित्व योजना, गांव में रहने वाले हमारे भाई-बहनों को आत्मनिर्भर बनाने में बहुत मदद करने वाली है। स्वामित्व योजना हमारे गांवों में अनेक विवादों को समाप्त करने का बहुत बड़ा माध्यम बनेगी। संपत्ति का रिकॉर्ड होने पर बैंक से कर्ज आसानी से मिलता है, रोजगार-स्वरोजगार के रास्ते बनते हैं जब संपत्ति का रिकॉर्ड होता है, जब संपत्ति पर अधिकार मिलता है तो नागरिकों में आत्मविश्वास बढ़ता है। जब संपत्ति का रिकॉर्ड होता है तो निवेश के लिए नए रास्ते खुलते हैं। उन्होंने कहा कि गांव के कितने ही नौजवान हैं जो अपने दम पर कुछ करना चाहते हैं लेकिन घर होते हुए भी उन्हें, अपने घर के नाम पर बैंक से कर्ज मिलने में कई बार दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। स्वामित्व योजना के तहत बने प्रॉपर्टी कार्ड को दिखाकर, बैंकों से बहुत आसानी से कर्ज मिलना सुनिश्चित हुआ।
पीएम मोदी ने कहा कि 6 दशकों तक गांव के करोड़ों लोग बैंक खातों से वंचित थे। ये खाते अब जाकर खुले हैं। दशकों तक गांव के करोड़ों परिवारों के पास अपना घर नहीं था। आज गांव के करीब-करीब 2 करोड़ गरीब परिवारों को पक्के घर मिल चुके हैं। पिछले 6 वर्षों में पुरानी कमी को दूर करने के लिए लगातार काम किया जा रहा है। आज देश में बिना किसी भेदभाव, सबका विकास हो रहा है, पूरी पारदर्शिता के साथ सबको योजनाओं का लाभ मिल रहा है। छोटे किसानों, पशुपालकों, मछुआरों को किसान क्रेडिट कार्ड मिलने से जिनकी काली कमाई का रास्ता बंद हो गया है, उनको आज समस्या हो रही है
यूरिया की नीमकोटिंग से जिनके गैर-कानूनी तौर तरीके बंद हो गए, दिक्कत उन्हें हो रही है। किसानों के बैंक खाते में सीधा पैसा पहुंचने से जिनको परेशानी हो रही है, वो आज बेचैन हैं। किसान और खेत मजदूर को मिल रही बीमा, पेंशन जैसी सुविधाओं से जिनको परेशानी है, वो आज कृषि सुधारों के विरोध में हैं। पीएम मोदी ने कहा कि देश ने ठान लिया है कि गांव और गरीब को आत्मनिर्भर बनाना, भारत के सामर्थ्य की पहचान बनाना है। इस संकल्प की सिद्धि के लिए स्वामित्व योजना की भूमिका भी बहुत बड़ी है।