देहरादून। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों में निवेश की सीमा में वृद्धि की गई है। अब संयंत्र व मशीनरी में 1 करोड़ रूपए तक निवेश और 5 करोड़ रूपए तक टर्नओवर वाले उद्यम, सूक्ष्म उद्योग की श्रेणी में आएंगे। इसी प्रकार 10 करोड़ रूपए तक निवेश और 50 करोड़ रूपए तक टर्नओवर वाले उद्यम, लघु उद्यम की श्रेणी में आएंगे। जबकि 50 करोड़ रूपए तक निवेश और 250  करोड़ रूपए तक टर्नओवर वाले उद्यम, मध्यम उद्यम की श्रेणी में आएंगे। गौरतलब है कि आत्मनिर्भर पैकेज के तहत एमएसएमई सेक्टर के लिए केन्द्र सरकार द्वारा अनेक प्रावधान किए गए हैं। भारतीय उद्योग जगत अपना विस्तार कर सकें और आवश्यक सुविधाएं प्राप्त कर सकें, इसके लिए एमएसएमई सेक्टर का नया वर्गीकरण किया गया। इसमें निवेश की सीमा को बढ़ाया गया और टर्नओवर को भी इसके मानक के रूप में लिया गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड के विकास में एमएसएमई सेक्टर की महत्वपूर्ण भूमिका है। रोजगार सृजन का प्रमुख स्त्रोत है। केन्द्र सरकार द्वारा एमएसएमई को नए तरीके से परिभाषित करने से राज्य के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को लाभ होगा जिसका सकारात्मक प्रभाव राज्य के विकास पर पड़ेगा।