देहरादून। भारत के प्रमुख वैचारिक थिंक टैंक अंब्रेला संगठन “प्रज्ञा प्रवाह” की पश्चिम उत्तर प्रदेश क्षेत्र इकाई द्वारा चलाए जा रही महत्वपूर्ण वेब परिचर्चा श्रृंखला “युवा संवाद से समाधान” के अंतर्गत छठवें कार्यक्रम “वित्तीय प्रबंधन एवं स्वरोजगार संभावनाएं” का आयोजन सेबी, एवोक इंडिया फाउंडेशन तथा चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ के संयुक्त तत्वाधान में किया गया। श्रृंखला के अंतर्गत उक्त कार्यक्रम की आयोजक भारतीय प्रज्ञान परिषद, मेरठ रही। देवभूमि विचार मंच, उत्तराखंड एवं प्रज्ञा परिषद, ब्रज प्रांत द्वारा सहयोग प्रदान किया गया।
आयोजन सह-सचिव अनुराग विजय अग्रवाल, युवा समन्वयक मेरठ प्रांत एवं युवा मंथन प्रभारी शुभ गुप्ता द्वारा कार्यक्रम का संचालन किया गया। कार्यक्रम में प्रज्ञा प्रवाह पश्चिम उत्तर प्रदेश क्षेत्र संयोजक भगवती प्रसाद राघव उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता सेबी लखनऊ के उप-महाप्रबंधक अतुल अग्रवाल द्वारा बताया गया कि शेयर बाजार को चलाने के लिए कई सारी संस्थानों एवं व्यक्तियों की आवश्यकता होती है । इनमें से मुख्य हैं : कंपनियां, निवेशक, ब्रोकर, कंपनियों के निवेशक इत्यादि। सेबी की कोशिश होती है कि ऐसे संस्थानों को सेबी के नियमों के दायरे में लाना ताकि किसी भी निवेशक के हितों की रक्षा हो सके। सेबी शेयर बाजार में किसी भी तरह के अनैतिक व्यापार के रोकथाम के लिए नियम बनाता है। यदि कोई कंपनी किसी भी गलत गतिविधि में लिप्त है तो उसे भी उसमें भी हस्तक्षेप करता है। सेबी एक नियामक संस्था है, जिसके कार्य निम्नलिखित हैं- प्रतिभूतियों (सिक्योरिटीज) में निवेश करने वाले निवेशकों के हितों का संरक्षण करना, प्रतिभूति बाजार (सिक्योरिटीज मार्केट) के विकास का उन्नयन करना और उससे संबंधित या उसके आनुषंगिक विषयों का प्रावधान करना।
श्री अतुल अग्रवाल ने निवेशकों से संबंधित अनेक महत्वपूर्ण बिंदुओं, विशेषकर कोरोना काल में, स्पष्टता से उदाहरण देकर समझाया : जैसे निदेशकों को नियमित रूप से और कम उम्र से ही निवेश करना आरंभ करना चाहिए । उन्होंने बचत और निवेश में अंतर बताते हुए कहा कि घर परिवार की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए निवेश आवश्यक है।
उन्होंने 72 के नियम के विषय में बताया कि 72 का नियम यह जानने में मदद करता है कि आपका धन कितने वर्ष में दोगुना हो जाएगा। उदाहरण के लिए 10 फ़ीसदी सालाना ब्याज देने वाला विकल्प आपके निवेश को 72/10 = 7.2 वर्षों में दोगुना कर देगा। उन्होंने कहा कि यदि कोई संस्था या कंपनी ऐसा कहती है कि वह 2 या 3 वर्षों में आपका धन दोगुना कर देगी , तो आप इस नियम की सहायता से पता कर सकते हैं कि क्या ऐसा संभव है अथवा नहीं ?
उन्होंने पोंजी कंपनियों,शेयर मार्केट, डीमैट अकाउंट, ब्रोकर, शेयर मार्केट ट्रेडिंग इत्यादि विषयों में अनेक जानकारियों से उपस्थितजनों को अवगत कराया।
कार्यक्रम के विशिष्ट वक्ता प्रवीण कुमार द्विवेदी, संस्थापक अध्यक्ष एवोक इंडिया फाउंडेशन रहे। उन्होंने बताया कि कोरोना काल जैसा अनिश्चितता का दौर हमारे जीवन, व्यवसाय और नौकरी में भी रहता है। परंतु हमें इससे उबरना ही होता है। आज समाज मानसिक , शारीरिक और वित्तीय परेशानियों से गुजर रहा है। लेकिन यकीनन यह हमें बहुत मजबूत बनाने का कार्य भी करेगा। स्वरोजगार के लिए उन्होंने कहा कि कोई भी स्वरोजगार शुरू करने से पहले हमें अगले 6 माह के लिए अपने परिवार को चलाने के खर्चे की व्यवस्था भी करनी चाहिए। इसके अलावा उस रोजगार को हमें सरकार से रजिस्टर्ड भी करवाना चाहिए क्योंकि सरकार द्वारा दी जा रही विभिन्न प्रकार की सुविधाएं हम तभी प्राप्त कर पाएंगे जब हमारा रोजगार रजिस्टर्ड होगा। अगर सिर्फ उत्तर प्रदेश की बात करें तो एमएसएमई क्षेत्र इतना अधिक अव्यवस्थित है कि यदि 90 लाख रजिस्टर्ड एमएसएमई हैंं, तो इससे अधिक ऐसी भी है जो रजिस्टर्ड नहीं हैंं।
श्री द्विवेदी द्वारा वित्तीय सेवाओं से संबंधित अनेक प्रकार के रोजगार एवं स्वरोजगार क्षेत्र – जैसे स्वयं सहायता समूह, बैंकिंग करेस्पोंडेंट, शेयर मार्केट ट्रेडर, रजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर, सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर, टेक्निकल फंडामेंटल एनालिस्ट, इंडिपेंडेंट फाइनेंसियल एडवाइजर, इनकम टैक्स प्रिपेयरर, कॉमन सर्विस सेंटर आदि अनेकों क्षेत्रों में स्वरोजगार एवं व्यवसाय की जानकारी दी। वित्तीय सेवाओं से संबंधित विभिन्न प्रकार के कोर्स करने के लिए संबंधित संस्थाएं जैसे NISM, IRDA, आदि के विषय में भी जानकारी दी।
अध्यक्षीय उद्बोधन में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ के कुलपति प्रोफेसर नरेंद्र कुमार तनेजा ने प्रज्ञा प्रवाह पश्चिमी उत्तर प्रदेश क्षेत्र एवं भारतीय प्रज्ञान परिषद मेरठ को साधुवाद देते हुए कहा कि “युवा संवाद से समाधान” वेबीनार श्रृंखला नए आयाम स्थापित कर रही है । उन्होंने कहा कि वह अर्थशास्त्र के छात्र हैं और उनके अनुसार विश्व की सबसे अधिक बुद्धिमता पूर्ण संस्था स्टॉक मार्केट है । उन्होंने कहा कि स्टॉक मार्केट और किसी व्यक्ति विशेष के भविष्य के विषय में पूर्वानुमान लगाने में एक आधारभूत अंतर है । जहां कंपनी अथवा बाजार के विषय में दीर्घकालिक अनुमान निश्चिता के साथ किया जा सकता है , वहीं व्यक्ति विशेष के विषय में कहना बड़ा अनिश्चित है । उन्होंने कहा कि जैसे 80 के दशक में आई कंपनियों इंफोसिस , रिलायंस इंडिया लिमिटेड के आईपीओ आए थे और बुद्धिमान निवेशकों ने उस समय निवेश कर आज 30-40 वर्षों में अपने निवेशित धन को कई 100 गुना कर लिया, जबकि व्यक्ति विशेष के विषय में 30-40 वर्षों के बाद का पूर्वानुमान लगाना अत्यंत कठिन एवं अनिश्चित है । उन्होंने कहा कि निवेशकों को दीर्घकालीन निवेश में विश्वास रखना चाहिए तथा अल्पकालीन घटनाओं जैसे- कोरोना काल में शेयर मार्केट में गिरावट से भयभीत या विचलित नहीं होना चाहिए।
धन्यवाद प्रस्ताव भारतीय प्रज्ञान परिषद मेरठ के संयोजक प्रोफेसर बीरपाल सिंह, मुख्य नियंता एवं विभागाध्यक्ष भौतिक शास्त्र चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ, द्वारा दिया गया।
कार्यक्रम में देवभूमि विचार मंच सहप्रांत संयोजक डा. अंजलि वर्मा एवं भारतीय प्रज्ञान परिषद सहप्रांत संयोजक इंजी. अवनीश त्यागी के अतिरिक्त तीनों प्रांतों से डा जी.आर. गुप्ता, डॉ. सूर्य प्रकाश अग्रवाल, डॉ आदर्श चौधरी, डॉ संजीव गुप्ता, डॉ वंदना रूहेला, डॉ वंदना वर्मा, डॉ अनामिका त्रिपाठी, डॉ वंदना शर्मा, डॉ दिनेश शर्मा, डॉ प्रदीप पंवार, डॉ अनिल जैसवाल, डॉ रामचंद्र, डॉ गौरव राव, डॉ शशि सिंह, डॉ दिलीप, डॉ योगेश त्यागी, डॉ नीतू वशिष्ठ, डॉ निशा अग्रवाल, डॉ संजय कुमार त्यागी, डॉ अखिलेश दत्त, डॉ पूनम चौधरी, डा मुकेश, पूजा शर्मा, डॉ अलका तिवारी, अतुल अग्रवाल, अंजय जौहरी, चंदन, छाया रानी, डॉ दिलीप, डॉ अंतिम बाला, डॉ अरूण सोलंकी, डॉ बीना लोहिया, डॉ किरण शर्मा, डॉ नूतन श्रीवास्तव, डॉ सुनीता उपाध्याय, डॉ मनप्रीत सिंह, डॉ प्रवीण सिंह, डॉ स्वीटी जैन, डॉ संजीव, डॉ उषा पंत जोशी, जसप्रीत कौर, कार्तिकेय प्रताप, किरन, कृतिका मेहता, मधुरिमा तिवारी, महिपाल सिंह, मनोज कुमार, मोहन दत्त, मुकेश कुमार, एन पी सिंह, निधि, पल्लवी मिश्रा, पंत जी, परीक्षित मेहता, पायल, पूनम, डॉ प्रवीण द्विवेदी, राजीव, राकेश, रश्मि प्रभा, राकेश कुमार, रविंद्र कुमार, रीता सचान, रीतू बिधूरी, रूद्र प्रताप सिंह, सचिन शर्मा, शैली अग्रवाल, शरद गंगवार, शिवानी मेहरा, सृष्टि ठाकुर, सुधा रानी, सुनंदा, टीकाराम पंत, तृप्ति भाटिया, वैशाली चौहान, विनती, अखिलेश, आशू, डॉ चंदन, डीकेपी चौधरी, डॉ कमलेश कुमार भाकुनी, डॉ सपना जैन, योगेश कुमार, ईशा दीक्षित, जया कांडपाल, कपिल शर्मा, नीतू, पूनम, रश्मि रंजन, रायसिंह, रूपेश त्यागी, सौरव पंत, डॉ सपना जैन, डॉ मनीष टंडन, ऋषि कुमार, शरद, मुकेश पाल, डॉ प्रवेश कुमार, डॉ पूजा शर्मा, उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के संयोजक मंडल में डॉ प्रवीण कुमार तिवारी ,डॉ गौरव राव, शुभ गुप्ता ,आदर्श चौधरी एवं अनुराग विजय अग्रवाल मुख्य रूप से रहे।