चित्तौड़गढ़ (हि.स.)। जिले के भैसरोडगढ़ उपखंड क्षेत्र के एक निजी स्कूल में गए 350 से अधिक विद्यार्थी व 50 अध्यापक पानी की आवक के चलते बीते 24 घंटों से फंस कर रह गए हैं। बड़ी बात यह है कि इस पूरे मामले में जिला प्रशासन अब तक इन तक पहुंचने में विफल रहा है। रविवार को इसकी शिकायत उच्च स्तर पर पहुंची तब कहीं जाकर उपखंड एवं तहसील स्तर के अधिकारी पहुंचे हैं। वहीं दोपहर में जिला मुख्यालय से अतिरिक्त कलेक्टर प्रशासन पहुंचे। स्थानीय स्तर पर ग्रामीण इन फंसे बच्चों और स्कूल स्टाफ की मदद कर रहा हैं।
जिला मुख्यालय से करीब 150 किलोमीटर दूरी पर स्थित भैंसरोडगढ़ उपखंड मुख्यालय से 05 किलोमीटर दूर मऊपुरा में आदर्श विधा मंदिर के नाम से निजी स्कूल है। शनिवार को विद्यालय में बच्चे नियमित रूप से अध्ययन के लिए आए थे और उसके बाद कुछ बच्चे एक कार्यक्रम में भाग लेने भी विद्यालय पहुंचे। लेकिन उसके बाद हुई मूसलाधार बारिश के चलते गांधीसागर बांध में पानी की आवक बढ़ने के बाद राणाप्रताप सागर बांध के गेट खोल दिए गए। इसके चलते रावतभाटा और भैंसरोडगढ़ को जोड़ने वाली पुलिया पर पानी आ गया और वर्तमान में भी पुलिया पर पानी चल रहा है। ऐसे में बच्चे स्कूल में ही फंस कर रह गए। इनके लिए भोजन, पेयजल आदि की व्यवस्था ग्रामीणों द्वारा अपने स्तर पर जुटाई जा रही है और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर नहीं पहुंच पाए।
स्कूल स्टाफ की मानें तो इस पूरे मामले में बड़ी बात यह है कि प्रशासन द्वारा बिना कोई अलर्ट दिए गेट खोल दिया जाने से यह बच्चे फंस गए और अब इनकी कोई सुध लेने वाला नहीं है। ग्रामीणों के भरोसे इन बच्चों ने अपनी रात गुजारी है और भोजन और पेयजल के लिए भी ग्रामीणों पर आश्रित है। वहीं तेज बारिश के चलते पेयजल और विद्युत आपूर्ति भी ठप्प हो गई है जो हालात को और बदतर बना रही है। ऐसे में प्रशासन आपदा प्रबंधन में विफल साबित हुवा है। एक तरफ जहां बच्चे परेशान है तो माता-पिता की हालत तो और भी खराब है। मामले की जानकारी मिलने पर अतिरिक्त कलक्टर प्रशासन मुकेश कलाल मौके पर पहुंचे है। उन्होंने बताया कि सभी बच्चे सुरक्षित हैं और जहां स्कूल है वहां पानी नहीं भरता है। बच्चों के भोजन, पानी आदि की व्यवस्था स्कूल में ही है। उपखंड अधिकारी और तहसीलदार मौके पर ही है। उन्होंने बताया कि बांध के गेट खोलने से पहले सायरन बजाया गया था, जिसे स्कूल स्टाफ ने अनसुना कर दिया था।
हिन्दुस्थान समाचार