-नगर में स्थापित 64 हाईड्रेंट में से एक दर्जन से अधिक हाईड्रेंट पड़े हैं खराब
नैनीताल। सरोवर नगरी में आग लगने की घटनाओं के बाद बड़ा नुकसान पानी की कमी व संकरे रास्तों के कारण होता है। बीते दिन यहां तल्लीताल के टैंट हाऊस में आग लगने के दौरान भी पानी की कमी व हाईडैंट नही मिलने के कारण बड़ा नुकसान सामने आया। इससे पूर्व भी कई स्थानों में संकरे रास्तों के कारण पानी की कमी सामने आई है।
बीते दिन मल्लीताल के शेरवानी कम्पाउंड क्षेत्र के मोहन पार्क में मजीठिया कोठी में आग लगने के बाद वहा स्थित हाईड्रेंड सूचना मिला। पानी की कमी की वजह से आग बुझाने में लंबा वक्त लग गया। इसके अलावा संकरा रास्ता भी बाधक बना। दमकल विभाग एक छोटी एक बड़ी गाड़ी मौके पर पहुंची लेकिन उनका पानी पूरा नही हुआ। आसपास की टंकियों का भी पानी समाप्त हो गया। आग से करोड़ों की संपत्ति का नुकसान हुआ है। आबादी बढने के साथ ही नगर में आग बुझाने की समस्या भी बढ़ रही है। हाईड्रेंट बंद रहने, संकरे रास्ते व पानी की कमी से नैनीताल में आग लगातार बेकाबू हो रही है। यह नैनीताल शहर के लिए खतरे की घंटी है।
बीती रात मल्लीताल के शेरवानी कम्पाउंड मजीठिया भवन में आग बुझाने को लेकर शहर की व्यवस्थाओं से आग से सुरक्षा के लिए कई प्रश्नचिन्ह लग गये है। आग बुझाने के लिए नैनीताल में मौजूद फायर ब्रिगेड के वाहनों की कमी तो खली ही, वहीं अनियोजित भवन निर्माण के कारण संकरे हो चुके रास्तों से भी फायर बिग्रेड के वाहनों का निकलना भी दूभर हो या महज एक किमी दूर शेरवानी लाज पहुंचने में छोटी गाडियों को लम्बा समय लगा। इसे शहर का दुर्भाग्य कहे या जल संस्थान की नगर के प्रति संवेदनहीनता कि यहां नगर के विभिन्न क्षेत्रों में हाईड्रेंट तो लगे है मगर उचित रखरखाव नही होने के कारण या तो कई खराब पड़े है या फिर सड़क में दबे हुए है। जिसके चलते आपातकालीन स्थिति में इन हाईडेऊंटो का लाभ नही मिल पाता हैं। वीआईपी शहर का दर्जा प्राप्त इस शहर की अग्नि सुरक्षा पूरी तरह राम भरोसे है। जल संस्थान के सहायक अभियंता डीएस बिष्ट के अनुसार नगर के विभिन्न स्थानों में 64 हाईड्रेंट लगे है। जिनका समय-समय पर दमकल विभाग व जल संस्थान संयुक्त रूप से निरीक्षण करते हैं। प्रमुख स्थानों में हाईड्रेंट कार्य कर रहे है। शहर में अधिकांश आग की घटनायें ऐसे स्थानों में होती हैं जहां हाईड्रेंट दूरी पर होते है। अग्नि शमन विभाग के पास पाईपों की व्यवस्था नही होती है। नैनीताल शहर में आज तक हुई आग की घटनाओं ने हमेशा व्यवस्थाओं की पोल खोली है लेकिन संबंधित विभागों ने इस ओर ध्यान देने की जरूरत नही समझी। दमकल विभाग व जल संस्थान संयुक्त रूप से समय-समय पर हाईड्रेंट का निरीक्षण करते है और इन हाईड्रेंटो के संरक्षण का दम भी भरते हैं लेकिन निरीक्षण के पश्चात जल संस्थान इन हाइड्रेंटो की तरफ से मुंह मोड़ लेता है और अग्निकांड होने के दौरान इनका उपयोग नही हो पाता है। वैसे तो नगर में लगभग 64 हाईड्रेंट लगे हुए हैं मगर इनमें से एक दर्जन से अधिक हाईड्रेंट या तो खराब पड़े हुए है या फिर सड़क में दब गये है। इन्हें दुरस्त करने की जरूरत तक नही समझी गई। इसके अलावा नैनीताल में अग्निशमन विभाग के पास नगर की भौगोलिक दृष्टि से वाहनों व अन्य उपकरणों की भी भारी कमी है। बीते दिन हुई आग की घटना के दौरान दमकल विभाग के छोटे वाहनों से जब भवन में लगी आग बुझाने के प्रयास के दौरान पानी ऊंचाई तक नही पहुंच पाया। कुल मिला कर शहर में अग्निरोधक व्यवस्थाओं की कमी कभी भी किसी बड़े हादसे का कारण बन सकती है।