8 Jul 2025, Tue

जल संरक्षण एवं संवर्धन का सबसे सशक्त माध्यम परम्परागत जल स्रोत एवं पौधे

नैनीताल। भविष्य के लिए जल संरक्षण एवं संवर्धन का सबसे सशक्त माध्यम परम्परागत जल स्रोत एवं पौधे हैं, इन्हें बचाए रखना तथा प्रकृति को हरा-भरा बनाए रखना होगा ताकि भविष्य में जल संकट का सामना न करना पड़े। यह बात अपर सचिव भारत सरकार डाॅ. सुखवीर सिंह सन्धु ने नैनीताल क्लब सभागार में आयोजित जल शक्ति अभियान की समीक्षा बैठक में कही। श्री सन्धु ने कहा कि हमारा लक्ष्य अभियान के अन्तर्गत स्थान प्राप्त करना नहीं होना चाहिए बल्कि इसके स्थान पर अभियान के उद्देश्यों को प्राप्त करना होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अभियान के अन्तर्गत किए जा रहे कार्यों का लाभ परिलक्षित होने में कम से कम 5 वर्ष का समय लगेगा। भविष्य में जल संकट न हो और पानी की स्थिरता बनाए रखने के लिए दीर्घकालिक वृहद कार्ययोजना तैयार की जाए तथा अभियान की समाप्ति के बाद भी जल संचय, संरक्षण एवं संवर्धन हेतु किए जा रहे कार्यों की जिला स्तर पर निरन्तर निगरानी की जाए। उन्होंने कहा कि जब तक पेड़ जीवित रहता है जल संरक्षित करता हैं, इसलिए अभियान के साथ ही समय-समय पर लगाए गए पौधों एवं स्वतः उगे वृक्षों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाए और पौंधों का संरक्षण किया जाए। उन्होंने कहा कि अभियान के अन्तर्गत किये जा रहे कार्यों को निर्धारित समय से पूरा करने के साथ ही उन्हें समय से पोर्टल पर अपलोड किया जाए। उन्होंने कहा कि अभियान चाहे खत्म हो जाये लेकिन जनहित में कार्य निरन्तर चलता रहना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जनपद में वास्तविक भौगोलिक स्थितियों को देखते हुए कार्य योजना तैयार करें तथा किसानों की आर्थिकी में वृद्धि एवं क्षेत्र में औद्यानिक फसलों के विकास के लिए जनपद स्तर पर कम से कम 4-6 कलस्टर माॅडल विकसित किये जाए। उन्होंने कहा कि जनपद स्तर पर जो भी सबसे अच्छा कलस्टर माॅडल होगा, उसका इम्पलीमेंट देश के अन्य राज्यों में भी कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि कलस्टर विकसित करने में इस बात पर विशेष ध्यान दिया जाए कि फलों एवं फसलों की पर्याप्त उपलब्धता वाले क्षेत्रों में ही व्यापारी माल खरीदने के लिए आते हैं, ऐंसी स्थिति में क्षेत्रों में विशेष कलस्टर माॅडल विकसित किए जायें ताकि अधिक से अधिक व्यापारी खरीदारी के लिए आकर्षित हों तथा स्थानीय उत्पादों को आसानी से मार्केट उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों में मौसम परिवर्तन एवं बाजार की मांग के अनुसार विभिन्न किस्मों के फलदार पौधे लगाये जायें ताकि किसानों को अधिक से अधिक लाभ हो। उन्होंने उत्तराखण्ड के पेयजल सचिव अरविन्द सिंह ह्यांकी व जिलाधिकारी सविन बंसल से कहा कि ग्राम स्तर से सुझाव लिए जायें क्योंकि स्थानीय ज्ञान तथा प्रशासन के आपसी समन्वय से आसानी से प्रभावशाली कार्य किया जा सकता है।
बैठक में पेयजल सचिव उत्तराखण्ड शासन अरविन्द ंिसंह ह्याॅकी ने कहा कि ग्रोथ सेंटरो को बढ़ावा दिया जाये साथ ही काश्तकारों व लघु उद्यमियों को वैज्ञानिक पद्धति से उत्पादन के लिए प्रेरित किया जाए। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की योजनाओं की सफलता हेतु जनता की सहभागिता अत्यावश्यक होती है,इसलिए उन्हें पानी के प्रति जागरूक करते हुए सहभागिता बढ़ायी जाये। पेयजल समस्या वाले गाॅव के जन प्रतिनिधियों से सीधे संवाद अथवा पत्राचार किया जाये, उनसे क्षेत्र में जल संचय, संरक्षण एवं संवर्धन हेतु सुझाव व वास्तविक योजना प्रस्ताव लिए जायें। बैठक में जिलाधिकारी सविन बंसल ने बताया कि जनपद में जल शक्ति अभियान के अन्तर्गत 14 लाख पौंधे लगाये गये हैं तथा जनपद में वाटर शैड एवं चाल-खाल निर्माण, चेक डैम आदि से सम्बंधित 14 हजार कार्यों के सापेक्ष 11 हजार से अधिक कार्य अभी तक पूर्ण किये जा चुकें है। उन्होंने बताया कि हिमालयन एवं केन्द्र शासित प्रदेशों की तुलना में जनपद जल शक्ति अभियान में 6वे स्थान पर हैं। उन्होंनें बताया कि वर्तमान तक सम्पन्न हो चुके कार्यो को पोर्टल पर अपलोड करते ही जनपद 4वे स्थान पर पहुॅचने के साथ ही रैंक में सुधार की संभावना है।
इससे पूर्व जनपद में पहुॅचे अपर सचिव भारत सरकार श्री संधु व सचिव पेयजल उत्तराखण्ड श्री ह्याॅकी ने जिलाधिकारी व सम्बन्धित अधिकारियों के साथ जल शक्ति अभियान के अन्तर्गत निगलाट, कैंची, चमड़ियागाढ़, लोहाली में बनाये गये जल संरक्षण टैंक, चैक डैम, स्प्रिंकलर सिंचाई आदि का मौका मुआयना किया तथा कार्यों पर संतोष व्यक्त करते हुए बधाई दी। जिला विकास अधिकारी रमा गोस्वामी द्वारा पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन किया गया। बैठक में जल शक्ति अभियान के समिति सदस्य समिता अरोरा, आरके जायसवाल, मुख्य विकास अधिकारी विनीत कुमार, नगर आयुक्त सीएस मर्तोलिया, मुख्य शिक्षाधिकारी केके गुप्ता, डीएसटीओ ललित मोहन जोशी, मुख्य कृषि अधिकारी धनपत कुमार, एपीडी संगीता आर्या, अधिशासी अभियंता जल संस्थान संतोष उपाध्याय, जिला उद्यान अधिकारी भावना जोशी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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