भराडीसैंण। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने उत्तराखंड विधानसभा सत्र में बृहस्पतिवार को गैरसैंण के रूप में नई कमिश्नरी के गठन की घोषणा की। प्रदेश की इस तीसरी कमिश्नरी में चमोली, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा और बागेश्वर जनपद शामिल होंगे। कमिश्नरी का मुख्यालय गैरसैंण में होगा। विधानसभा में सभी को चौंकाते हुए गैरसैंण को मंडल बनाने की घोषणा कर दी। विधानसभा में बजट भाषण समाप्त करने के बाद मुख्यमंत्री ने गैरसैंण को मंडल बनाने का घोषणा की।
गैरसैंण के सुनियोजित नगरीय विकास के लिए एक महीने में टेंडर प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। सीएम की घोषणा का सदन ने मेज थपथपाकर स्वागत किया। सीएम ने ठीक एक साल पहले वाले अंदाज में ही गैरसैंण पर सभी को चौंकाया। पिछले साल चार मार्च 2020 को भी सीएम ने बजट पेश करने बाद गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की घोषणा की थी। बजट भाषण पूरा करने के बाद सीएम ने कहा कि मैं अब तीन विशेष घोषणा करना चाहता हूं। जैसे ही उन्होंने गैरसैंण को कमिश्नरी बनाने की घोषणा की भाजपा विधायकों ने स्वागत करते हुए मेज थपपाते हुए पूरे सदन को गुंजा दिया।
उन्होंने कहा कि गैरसैंण में कमिश्नर और डीआईजी स्तर का अधिकारी बैठेगा। चार जिलों का नया मंडल बन जाने से ग्रीष्मकालीन राजधानी के लोगों को कई मायनों में सहूलियत होगी। इसके साथ ही इससे अब गैरसैंण के जिला बनने की संभावना और बढ़ गई है। प्रदेश में मंडलायुक्त का सीधा सरोकार प्रशासनिक व्यवस्था के साथ ही राजस्व से भी है। राजस्व के तहत ही कुछ हद तक न्याय व्यवस्था भी है। नया मंडल बन जाने से अब कुमाऊं और गढ़वाल मंडल के चार जिलों के लोगों को देहरादून और नैनीताल का चक्कर काटने से निजात मिलेगी।
दूसरी ओर, ग्रीष्मकालीन राजधानी क्षेत्र के विकास को अब प्रदेश सरकार सीधे रूप से आयुक्त के जरिये देख पाएगी। मंडलायुक्त की मौजूदगी से सरकार को इस क्षेत्र के विकास के लिए काम करने में भी आसानी होगी। इसके साथ ही गैरसैंण के अपग्रेड होने की राह भी बन गई है। प्रदेश में जिस समय रुद्रप्रयाग को जिला बनाया गया था, उस समय रुद्रप्रयाग मात्र नगर पंचायत थी। बाद में सरकार को रुद्रप्रयाग को भी नगर पालिका बनाना पड़ा था। इसी तरह गैरसैंण इस समय मात्र एक तहसील है।
यह हो जाएगा तीनों मंडलों का स्वरूप गढ़वाल मंडल- देहरादून, हरिद्वार, टिहरी, उत्तरकाशी, पौड़ी गैरसैंण मंडल- रुद्रप्रयाग, चमोली, अल्मोड़ा और बागेश्वर कुमाऊं मंडल- ऊधमसिंह नगर, नैनीताल, पिथौरागढ़, चंपावत
वहीं, गैरसैंण के ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित होने की पहली वर्षगांठ पर विधानसभा परिसर, भराड़ीसैंण में उत्सव के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर परिसर में 1101 दिए प्रज्वलित कर दीपावली मनाई गयी।
इस अवसर पर उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष, मुख्यमंत्री, मंत्रीगण एवं कई विधायक गण मौजूद थे। इस अवसर पर बच्चों द्वारा कई सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया इस दौरान मंत्रियों, विधायकों ने वर्षगांठ को जश्न के रूप में मनाया।इस अवसर पर शिशु मंदिर एवं राजकीय इंटर कॉलेज गैरसेंण की छात्र छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। वहीं उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ने सांस्कृतिक प्रस्तुति देने वाले प्रत्येक छात्र एवं छात्राओं को उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष विवेकाधीन कोष थे दो-दो हज़ार रुपये देने की घोषणा भी की। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा आज बजट पेश करने के उपरांत गैरसेंण को राज्य की तीसरी कमिश्नरी घोषित किए जाने एवं ग्रीष्मकालीन राजधानी क्षेत्र के विकास में टाउन प्लानर की नियुक्ति के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू करने संबंधित निर्देश पर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया है एवं प्रदेश वासियों को शुभकामनाएं दी है। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि बीते वर्ष आज के ही दिन उत्तराखंड में लंबे समय से चल रहे संघर्ष का अंत हुआ और मुख्यमंत्री जी द्वारा गैरसैंण को प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी का दर्जा दिया गया।उन्होंने कहा कि यह घोषणा सवा करोड़ उत्तराखंडवासियों की भावनाओं का सम्मान थी।विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि ग्रीष्मकालीन राजधानी बनने की खुशी पर पिछले वर्ष आज के ही दिन हमने भराड़ीसैंण परिसर में रगों की होली मनायी थी एवं आज दीये जलाकर दीपावली मना रहे हैं । इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि भराड़ीसैंण को आदर्श पर्वतीय राजधानी का रूप दिया जा रहा है, आने वाले समय में भराड़ीसैंण सबसे सुंदर राजधानी के रूप में अपनी पहचान बनाएगी।भराड़ीसैंण को ई-विधानसभा के रूप में विकसित करने पर कार्य हो रहा है।