देहरादून/नई दिल्ली। भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख श्री अनिल बलूनी कहा कि वैश्विक त्रासदी की इस घड़ी में देश की सबसे पुरानी और प्रमुख विपक्षी पार्टी की कार्यसमिति में दिए गए बयान न केवल कोरोना से हमारी लड़ाई को कमजोर करते हैं, बल्कि कांग्रेस अध्यक्षा के बयान निंदनीय और संवेदनहीनता की पराकाष्ठा को भी दर्शाते हैं। कांग्रेस कार्यसमिति द्वारा पारित किये गए प्रस्ताव वास्तव में तथ्यों से काफी परे हैं। कोरोना संकट से निबटने का यह समय राजनीति करने का नहीं, देश की सेवा करने का समय है। यह समय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में टीम इंडिया के रूप में सबको एक साथ मिलकर इस लड़ाई को अंजाम तक ले जाने का है।
मोदी सरकार के प्रयास और देश के 130 नागरिकों का अभियान विश्व को इस संकट से निजात दिलाने में एक नई राह दिखा रहा है लेकिन कांग्रेस इसमें भी राजनीति से बाज नहीं आ रही है। त्रासदी के समय भी राजनीति की बात करना केवल और केवल कांग्रेस ही कर सकती है
जहां तक रोकथाम, उपचार और राज्यों को इससे लड़ने में सहायता देने की बात है तो इस दिशा में भी मोदी सरकार ने एक कदम बढ़के काम किया है। स्वयं प्रधानमंत्री जी ने तीन-तीन बार न केवल सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात की बल्कि विभिन्न राजनीतिक दलों से भी उन्होंने बात कर कोरोना से लड़ाई का रोडमैप उनके सामने रखा और उनके सुझावों को तरजीह भी दी।
कांग्रेस के नेता तब नींद से जगे भी नहीं थे जब प्रधानमंत्री जी ने इसके मद्देनजर कई उपाय उठाने शुरू कर दिए थे। कांग्रेस पार्टी जो शायद आज ही नींद से जागी है, उसे उसी समय इन विषयों को उठाना चाहिए था। कांग्रेस आज जिन विषयों पर सुझाव दे रही है, प्रधानमंत्री जी उस दिशा में काफी पहले ही कदम उठा चुके हैं।
केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए काफी पहले ही राज्यों को 17,287 करोड़ रुपये का शुरूआती फंड जारी किया। इतना ही नहीं, गृह मंत्रालय ने राज्य आपदा खतरा प्रबंधन फंड (एसडीआरएमएफ) से 11,092 करोड़ रुपये राज्यों को देने को मंजूरी दी। साथ ही, वित्त मंत्रालय ने 14 राज्यों को राजस्व घाटा अनुदान के तहत 6,195 करोड़ रुपये जारी किए हैं।
COVID-19 से लड़ने हेतु testing, self-protective equipments, ventilators, Isolation and ICU beds जैसी अन्य जरूरी साधनों की संख्या बढ़ाने के लिए मोदी सरकार ने 15000 करोड़ रुपये का शुरूआती प्रावधान किया।
समय पूर्व लॉकडाउन की घोषणा और पर्याप्त टेस्टिंग की व्यवस्था के साथ-साथ आरोग्य सेतु एप एवं कोविड इंडिया सेवा की शुरुआत की गई। आज विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ-साथ पूरा विश्व भारत सरकार द्वारा उठाये गए क़दमों की प्रशंसा कर रहा है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच अर्थव्यवस्था और गरीबों की मदद के लिए 1.70 लाख करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा की। मोदी सरकार ने लक्ष्य निर्धारित किया कि गांवों और शहरों में रहने वाला कोई भी गरीब भूखा न सोए।
केंद्र सरकार की अलग-अलग योजनाओं के तहत अब तक 33.25 करोड़ लोगों के खातों में करीब 31,072 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए जा चुके हैं। हर गरीब को अब 5 किलो अतिरिक्त अर्थात कुल 10 किलो गेहूं या चावल मिल रहा है। साथ ही उन्हें 1 किलो दाल भी दी जा रही है। शायद कांग्रेस को ये नजर नहीं आता क्योंकि उन्हें केवल राजनीति करनी है।
विस्थापितों के लिए न केवल शेल्टर, भोजन और दवाइयों का प्रबंध किया गया और इसके लिए डेडिकेटेड हेल्पलाइन नंबर बनाए गए बल्कि टीम 11 का गठन कर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी स्वयं हर चीज की बारीकी से मॉनिटरिंग भी करते हैं।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने कृषि क्षेत्र को बचाने के लिए कई रणनीतिक उपाय किए हैं। सरकार की बेहतर नीति के कारण अभी तक मांग और आपूर्ति के बीच कोई खामियां सामने नहीं आई है।
मोदी सरकार ने इस विकट परिस्थिति में न केवल किसानों के ऋण के बोझ को कम किया है बल्कि किसानों को अतिरिक्त ब्याज देने से बचाने के लिए पुनर्भुगतान अवधि को भी बढ़ाने का निर्णय किया है। कृषि मंत्रालय ने किसान रथ मोबाइल ऐप बनाया है ताकि कृषि उत्पादों के परिवहन में सुगमता लाया जा सके।
आरबीआई ने भी लघु एवं मध्यम उद्योगों के लिए कई उपाय किये हैं। रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट को कम किया गया था उद्योगों को कर्ज और ब्याज लौटाने के अवधि में भी तीन महीने की छूट दी गई है। इसके अतिरिक्त और कई कदम उठाये गए हैं जिससे न केवल संकट की इस घड़ी में भी हमारी अर्थव्यवस्था प्रगति कर रही है बल्कि इससे इससे बैंकों में लिक्विडिटी भी आई है और रोजगार सृजन की बड़ी संभावना भी बनी है।
आज पूरा भारत प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में एकजुट हो COVID-19 के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ रहा है। ऐसे समय जब पूरी दुनिया जानलेवा कोरोना वायरस के संक्रमण से जूझ रही है, तब भारत में कोरोना को फैलने से रोकने के लिए उठाए गए कदमों की तारीफ विश्व के कोने-कोने में हो रहा है।