30 Jun 2025, Mon

कांचनार से सम्भव है कैंसर का इलाज

-डॉ आदित्य कुमार (पूर्व उपाध्यक्ष, राज्य औषधीय पादप बोर्ड ,उत्तराखंड सरकार)


देवभूमि की दिव्यता-सम्पन्न वनौषधियों की अपार सम्पदा इसके देवत्व के प्रति हमारी आस्था एवं विश्वास को और अधिक सुदृढ़ कर देती है। कई जड़ी बूटी यूं तो पूरे देश में मिल ही जाती है लेकिन हिमालय में वही जड़ी- बूटियाँ अत्यधिक प्रचुरता से मिलती हैं तथा शास्त्रो में उन्हें चिकित्सा कार्य के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है।

महर्षि चरक ने स्वयं कहा है- “औषधीनां पराभूमि हिमवान् शैल सत्तम् स्वयं ” मित्रों,आज हम बात करेंगे उत्तराखंड में 4000 फीट की ऊंचाई तक जंगलों में प्राकृतिक रूप से पाये जाने वाले मध्यम आकार के वृक्ष “कांचनार” (Bauhinia varigata)की (जो कि सौभाग्य से हमने अपनी छोटी सी वाटिका में भी लगाया हुआ है)। कांचनार के पत्ते heart shaped होते हैं तथा फरवरी-मार्च में लगभग पूरे पत्ते झड़ जाने पर अकल्पनीय सुन्दर सफेद-गुलाबी थोड़ी बैंगनी आभा युक्त फूल आते हैं।

कांचनार की एक अन्य प्रजाति Bauhinia purpurea भी हिमालयी क्षेत्र में मिलती है जबकि एक तीसरी पीले फूलों वाली प्रजाति Bauhinia tomentosa पश्चिमोत्तर भारत तथा श्रीलंका में पायी जाती है। कांचनार में शरीर में अनेक प्रकार की abnormal growth विशेष रूप से lymphatic glands की swellings को समाप्त करने की चमत्कारिक शक्ति पायी जाती है।यही कारण है कि अनेक गंभीर एवं असाध्य समझे जाने रोगों जैसे अनेक tumours, कैंसर की प्रारंभिक अवस्था, uric acid के बढने से होने वाले gout (गठिया),थायराइड, leprosy तथा piles चिकित्सा में भी कांचनार बहुत अधिक सफल परिणाम देने वाला है। चिकित्सा के लिए कांचनार के फूलों एवं छाल को प्रयोग में लाया जाता है।

अपने अध्ययन में मैंने पाया कि उत्तराखंड के पहाड़ों में पुरानी पीढ़ी द्वारा पारंपरिक घरेलू उपचार में कांचनार का उपयोग अनेक रोगों में सफलता पूर्वक किया जाता रहा है।
अनेक पुराने सडन युक्त घावों की चिकित्सा में यहाँ तक कि सांप के काटने पर भी इसका लेप लगाया जाता था । इसके अतिरिक्त कांचनार की medicinal properties की सूची बहुत लम्बी है।
आयुर्वेद में “कांचनार” का उपयोग कांचनार गुग्गुल, कांचनारादि क्वाथ, कांचनगुडिका सहित अनेक औषधियों के निर्माण में होता है।

कांचनार के पौधे आजकल सभी सरकारी एवं प्राइवेट में नर्सरियों में आसानी से उपलब्ध है, अतः वृक्षारोपण के लिए कांचनार एक बहुत उपयोगी पौधा है। स्थानीय निकाय अपनी खाली एवं निष्प्रयोज्य जमीनो पर “कांचनार वन” भी बना सकती है।

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