4 Jul 2025, Fri
देहरादून। उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी भराड़ीसैंण-गैरसैंण में बृहस्पतिवार को सरकार बजट पेश करने जा रही है। चुनावी वर्ष होने के कारण यह बजट लोक लुभावन होने का अनुमान है। सरकार पर्यटन, ग्रामीण अर्थव्यवस्था और सेवा क्षेत्र पर फोकस कर सकती है। प्रदेश सरकार की ओर से इस बार करीब 13 हजार करोड़ रुपये का योजना बजट लाने की उम्मीद है। सूत्रों की मानें तो कोरोना के कारण उपजी स्थितियों को देखते हुए सरकार की ओर से इस बार बजट में हर वर्ग को किसी न किसी रूप में राहत देने की कोशिश की जा सकती है। योजना आकार बढ़ाकर सरकार ने इसका संकेत भी दिया है। इसी के साथ सरकार पर रोजगार के अवसर बढ़ाने का भी दबाव है। इसके लिए सरकार मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना सहित अन्य रोजगारपरक योजनाओं का दायरा बढ़ा सकती है।

प्रदेश सरकार अभी तक राजस्व सरप्लस और कर रहित बजट लाती रही है। इस बार सरकार के सामने इस तरह का परंपरागत बजट लाना खासी चुनौती भरा होगा। प्रदेश की विकास दर शून्य से नीचे रहने का ही अनुमान है। ऐसे में राजस्व घाटे के बजट की अधिक संभावना है। इतना जरूर है कि सरकार चुनावी वर्ष होने के कारण अतिरिक्त कर से भी बचने की कोशिश करेगी।

कोरोना काल से पहले प्रदेश की जीडीपी करीब 2.56 लाख करोड़ रुपये थी। इस समय विकास दर शून्य से नीचे है तो जीडीपी का आकार भी 2.50 लाख करोड़ रुपये के आसपास हो सकता है।
राजकोषीय घाटे का बढ़ना हर हाल में तय है। अभी तक सरकार राजकोषीय घाटे को जीडीपी की तुलना में तीन प्रतिशत तक रखने में सफल रही है। अब केंद्र की ओर से राजकोषीय घाटे को नौ प्रतिशत के अंदर रखने की रियायत दी गई है। इसके बावजूद सरकार को राजकोषीय घाटे को कम से कम रखने के लिए योजना बनानी होगी।
राज्य की अर्थव्यवस्था में इनका है योगदान
विनिर्माण-37.52 प्रतिशत
निर्माण-7.95 प्रतिशत
व्यापार होटल एवं जलपान गृह-14.96 प्रतिशत
परिवहन, भंडारण, संचार एवं प्रसारण-6.02 प्रतिशत
कोरोना के कारण प्रभावित अर्थव्यवस्था के कारण प्रति व्यक्ति आय में कमी का भी अनुमान है। पिछले वित्तीय वर्ष में प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय करीब 1.82 रुपये थी, अब यह इससे कम हो सकती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *