देहरादून। दून पुलिस ने आरटीओ के फर्जी स्थानांतरण पत्र जारी करने के मामले का खुलासा कर दिया है। पुलिस ने फर्जी पत्र बनाकर भेजने के आरोप में प्रॉपर्टी डीलर को गिरफ्तार किया है। प्रॉपर्टी डीलर ने परिवहन विभाग के एक उपायुक्त को देहरादून आरटीओ का चार्ज दिलाने का झांसा दिया था। पुलिस ने लेपटॉप और मोबाइल को सीज कर दिया है।
डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि 26 जून को देहरादून संभागीय परिवहन अधिकारी का फर्जी स्थानांतरण पत्र सोशल मीडिया में वायरल होकर अफसरों तक पहुंचा था। इस मामले में संभागीय परिवहन अधिकारी दिनेश पठोई ने शहर कोतवाली में 26 जून को अज्ञात में मुकदमा दर्ज कराया था।डीआईजी ने बताया कि मामले में गठित एसआईटी ने कर्मचारियों और अफसरों के बयान दर्जकिए। पता चला कि यह मैसेज आरटीओ कार्यालय में तैनात प्रशासनिक अधिकारी को उपायुक्त ने भेजा था। पुलिस ने उपायुक्त से जानकारी ली जिस पर पता चला कि उन्हें यह मैसेज कुलवीर सिंह पुत्र कुंवरसिंह निवासी ब्लाक नंबर दो कैनाल रोड आर्यनगर ने भेजा था।
पुलिस ने बुधवार को कुलवीर सिंह को सहस्त्रधारा रोड हैलीपेड के समीप से गिरफ्तार कर लिया। डीआईजी जोशी ने बताया कि कुलवीर सिंह ने बयान दिया कि वह लंबे समय से उपायुक्त से संपर्क में था। जून में कुलवीर ने अपने कार के नंबर के लिए उपायुक्त से संपर्क किया। बताया कि बातचीत में कुलवीर ने अपनी राजनीतिक पहुंच का हवाला देकर उपायुक्त को देहरादून आरटीओ का चार्ज दिलाने की बात कही। मामले में कई दिन बीत जाने के बाद कुलवीर ने फर्जी स्थानांतरण पत्र तैयार कर उपायुक्त को भेजा था। डीआईजी ने बताया कि पत्र भेजने के बाद कुलवीर की उपायुक्त से अफसरों और नेताओं के नाम पर रुपये लेने की योजना थी। बताया कि आरोपी के बारे में विस्तृत जांच की जा रही है।