नई दिल्ली (हि.स.)। कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। इस मामले पर अक्टूबर के पहले सप्ताह में पांच जजों की संविधान बेंच सुनवाई करेगी। साथ ही जम्मू कश्मीर में मीडिया पर लगी पाबंदी पर भी कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने इस मामले पर सात दिनों में सुप्रीम कोर्ट ने जवाब मांगा है।

वहीं सुप्रीम कोर्ट ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी को श्रीनगर में पार्टी के पूर्व विधायक युसूफ तारिगामी से मिलने की इजाजत दे दी है। सीताराम येचुरी के वकील ने कहा कि हम अपने बीमार पूर्व विधायक से नहीं मिल पाए, हमें एयरपोर्ट से ही लौटा दिया गया। तब चीफ जस्टिस ने कहा कि हम आदेश देते हैं, आप जाइए। सिर्फ अपने दोस्त से मिलने के लिए। उनका हाल-चाल लीजिए। वापस आ जाइए और कोई गतिविधि न करें। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश का सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने एतराज जताया कि ये यात्रा विशुद्ध राजनैतिक है। तब चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि अगर कोई नागरिक देश में कहीं पर जाना चाहता है, तो इसकी इजाजत होनी चाहिए। अगर वो वहां और कुछ गतिविधि करते हैं, तो उन्हें रोकिए और हमें बताएं।

कोर्ट ने कानून के छात्र मोहम्मद अलीम सैयद को उसके माता-पिता से मिलने की इजाजत दी। कोर्ट ने अनंतनाग में उसके माता-पिता से मिलने की इजाजत देते हुए सरकार को अलीम सैयद की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

पिछले 16 अगस्त को कोर्ट ने अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर में प्रतिबंध और कर्फ्यू हटाए जाने तथा संचार सेवा बहाल करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई टाल दी थी। कश्मीर में लैंडलाइन, मोबाइल, इंटरनेट बहाल करने, पत्रकारों को आने-जाने पर रोक-टोक न करने की मांग वाली अखबार कश्मीर टाइम्स की संपादक अनुराधा भसीन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कोई भी आदेश नहीं दिया था। कोर्ट ने कहा था कि सरकार को हालात सामान्य बनाने का मौका मिलना चाहिए। अटार्नी जनरल ने कोर्ट को बताया था कि रोज कश्मीर में स्थितियां बदल रही हैं, साथ ही सिक्योरिटी एजेंसियां स्थितियों पर नजर रखे हुए हैं जैसे ही जम्मू कश्मीर में हालात सामान्य होंगे वैसे ही तमाम प्रतिबंध हटा लिए जाएंगे।

हिन्दुस्थान समाचार