नंद के घर आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की। हाथी घोड़ा पालकी, जैय कन्हैय लाल की।।
भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रमास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर इस वर्ष द्वापर युग जैसा संयोग बन रहा है। श्रीकृष्ण का जन्म भाद्र कृष्ण अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र और वृष राशि में मध्य रात्रि को हुआ था। इस वर्ष भी जन्माष्टमी पर ऐसा ही संयोग बन रहा है। इस वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी रोहिणी नक्षत्र के जयंती योग में 30 अगस्त को मनाई जा रही है। 101 वर्ष बाद इस दिन जयंती योग बन रहा है।
जन्माष्टमी को लेकर जहां मंदिर समितियों ने विशेष तैयारी शुरू कर दी है, वहीं बाजार भी कान्हा की ड्रेस और झूलों से सज गए हैं। हिंदू पंचाग के अनुसार इस वर्ष जन्माष्टमी पर सर्वार्थसिद्धि योग भी रहेगा। ऐसे में इस दिन 12 बजे तक जागरण, पूजन, वंदन करना शुभ रहेगा।