27 Jun 2025, Fri

भारत को दुनिया का ‘ग्लोबल नॉलेज एंड इनोवेशन सेंटर’ बनाने में राष्ट्रीय शिक्षा नीति करेगी मार्गदर्शनः निशंक

नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्री डाॅ0 रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा कि विश्व के वर्तमान हालात में ‘आत्मनिर्भर भारत’ का संकल्प आगे बढ़ने का एक सशक्त मार्ग हैै और ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ (एनईपी-2020) भारत को दुनिया का ‘ग्लोबल नॉलेज एंड इनोवेशन सेंटर’ बनाने के अपने मिशन को प्राप्त करने के लिए सबका मार्गदर्शन करेगी।  केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बठिंडा स्थित पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय के नए कैंपस का उद्घाटन करते हुए कहा कि आत्मनिर्भर भारत के लिए शिक्षा का क्षेत्र सबसे मजबूत इकाई है। उन्होंने कहा कि हम एक ग्लोबलाइज्ड संसार में रह रहे हैं जिसमें ग्लोबल इकॉनमी, ग्लोबल कल्चर, ग्लोबल नॉलेज सिस्टम, ग्लोबल एजुकेशन सिस्टम, ग्लोबल माइंड सेट के साथ ही हम आगे बढ़ सकते हैं। इस ग्लोबल एप्रोच के साथ भारत ने आत्मनिर्भर बनने का भी रास्ता भी चुना है। इस आत्मनिर्भरता की इमारत को प्रभावी, स्थाई, सार्थक एवं सशक्त बनाने की सबसे मजबूत इकाई शिक्षा है। इस शिक्षा और ज्ञान के संचय के लिए हमने सभी दरवाजे खोल रखे हैं।

केंद्रीय मंत्री ने इस अवसर पर पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय द्वारा किये गए शोधकार्यों की सराहना करते हुए कहा कि यही ‘लोकल टू ग्लोबल एप्रोच’ ही हमे आत्मनिर्भर भारत बनाएगी। निशंक ने पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय में अनुसंधान की बात करते हुए कहा कि 63 करोड़ धनराशि की राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर की 210 शोध परियोजनाओं के साथ पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय के पास देश में प्रति संकाय शोध परियोजना प्राप्त करने का श्रेष्ठ अनुपात है और इस परिसर में पांच देशों के 27 विदेशी विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं जो कि यह दर्शाता है कि भारत में ऐसे विश्वविद्यालय हैं जो देश के पुनः विश्वगुरु बनने के सपने को साकार करने के लिए तत्पर हैं और तेजी से इस ओर बढ़ा रहा है।
इसके अलावा निशंक ने उच्च शिक्षा के लिए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्रस्तावित सुधारों के बारे में कहा कि इस नीति के माध्यम से उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक ओर जहां एचइसीआई जैसी बॉडी का गठन किया गया जाएगा तो वहीं दूसरी ओर संस्थानों को स्वायत्त, पारदर्शी एवं उत्तरदायी बनाने की दिशा में प्रेरित किया जाएगा। उन्होनें कहा कि नई नीति भारतीय मूल्यों पर आधारित है और यह अंतरराष्ट्रीय मानदंडों पर खरी उतरेगी। यह नीति अत्यंत प्रभावशाली होगी और समावेशी भी होगी। इसमें पांच-आई (इंडियन, इंटरनेशनल, इम्पैक्टफुल, इंटरैक्टिव और इंक्लूसिव) का फार्मूला अपनाया गया है। इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे, भटिंडा की लोकसभा सदस्य हरसिमरत कौर बादल, उच्च शिक्षा सचिव अमित खरे, पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति राघवेंद्र पी तिवारी एवं अन्य फैकल्टी सदस्य भी मौजूद थे।

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