-विसर्जन के दौरान मौजूद रहे पुलिस विभाग के तमाम आला अधिकारी
हरिद्वार। उत्तराखंड और देश की पहली महिला डीजीपी कंचन चैधरी भट्टाचार्य अस्थियों को वैदिक विधिविधान के साथ हरिद्वार में गंगा में प्रवाहित किया गया। उनकी अस्थियों को उनकी बेटियों कनिका और कावेरी ने अन्य परिजनों के साथ हर की पैड़ी पर गंगा में विसर्जित किया। कुलपुरोहित शैलेश मोहन ने विधिविधान के साथ अस्थि विसर्जन करवाया। इस दौरान डीजी लॉ एंड आर्डर अशोक कुमार,आईजी गढ़वाल अजय रौतेला ,पीएसी कमाण्डेन्ट रोशन लाल व् एसएसपी हरिद्वार सेंथिल अबुदई कृष्ण राज एस समेत बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारी मौजूद रहे। 26 अगस्त (सोमवार) को मुम्बई में बीमारी के चलते 72 वर्ष की आयु में कंचन चैधरी भट्टाचार्य का निधन हुआ था।
कंचन चैधरी भट्टाचार्य 1973 बैच की महिला आईपीएस अफसर कंचन चैधरी भट्टाचार्य ने वर्ष 2004 में उस वक्त इतिहास रचा था जब वह उत्तराखंड की पुलिस महानिदेशक बनीं। 31 अक्टूबर 2007 को वे पुलिस महानिदेशक के पद से सेवानिवृत्त हुईं। कंचन चैधरी भट्टाचार्य, किरण बेदी के बाद देश की दूसरी महिला आईपीएस अधिकारी थीं। साल 2014 में जब वे हरिद्वार से आम आदमी पार्टी से जुड़ीं तो उनका कहना था कि देश में फैले भ्रष्टाचार, नेताओं के घोटाले और आम आदमी की पीड़ा को देखते हुए राजनीति में आने का फैसला लिया। पुलिस के पास पावर तो है, लेकिन खादी वाले उसे प्रयोग नहीं करने देते।
कंचन चैधरी की अस्थियों के विसर्जन के लिए परिवार से उनके पति देव भट्टाचार्य,बेटी कनिका,छोटी बेटी काबेरी ,कनिका के पति ग्रेग और काबेरी के पति इमेंनियुअल,कनिका के बच्चे लीला और फ्रेंक,काबेरी के बच्चे माया और क्युडोर,भी कपिल और में बहन कविता भट्टाचार्य आये है। उनकी दोनों बेटियां ,उनके दोनो दामाद,नाती बहने और सब परिवार ने सनातन धर्म का पालन करते हुए सनातन पद्धति के अनुसार हरिद्वार तीर्थ की परंपरा का मान मर्यादा के अनुसार हर की पैड़ी पर ब्रह्मकुंड पर उनका अस्थि प्रवाह हुआ है।