6 Jul 2025, Sun

जनहित को देखते हुए जल विवाद का हो निपटारा : अमित शाह

-केंद्र बुलाएगा हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और दिल्ली की संयुक्त बैठक
-गृहमंत्री की अध्यक्षता में हुई नार्थ जोन कौंसिल की 29वीं बैठक
चंडीगढ़ ( हि.स.)। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि अब समय आ गया है जब जनहित को देखते हुए जल विवाद  का निपटारा होना चाहिए। कई राज्यों में यह विवाद दशकों से चल रहा है। अमित शाह शुक्रवार को चंडीगढ़ में आयोजित नार्थ जोन कौंसिल की 29वीं वार्षिक बैठक में हरियाणा,पंजाब, हिमाचल, दिल्ली और राजस्थान के मुख्यमंत्रियों, मंत्रियों तथा मुख्य सचिवों को संबोधित कर रहे थे। इस बैठक में जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक भी शामिल हुए। बैठक का आयोजन हरियाणा द्वारा किया गया।
बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जल विवाद का मुद्दा उठाते हुए कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा इस मामले में सहयोग नहीं किया जा रहा है। राजस्थान को उसके हिस्से का पानी मिलना चाहिए। गहलोत ने गृहमंत्री की मौजूदगी में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि राजस्थान को उसके हिस्से का पानी नहीं मिल रहा है।
गहलोत का समर्थन करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर ने भी पानी का मुद्दा उठाते हुए गृहमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की। पानी का मुद्दा जब बढ़ा तो हरियाणा के मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि पानी को लेकर सभी राज्यों के अपने-अपने तर्क हैं। इसलिए इस मुद्दे पर अलग से बैठक बुलाई जाए। अमित शाह ने इस मुद्दे पर स्थिति साफ करते हुए कहा कि राजनीति करने की  बजाए सार्थक रूप से काम करना होगा। जिस राज्य का जितना अधिकार है उसे उतना पानी मिलना चाहिए। अमित शाह ने अशोक गहलोत व खट्टर की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि बहुत जल्द संबंधित राज्यों की संयुक्त बैठक अलग से बुलाई जाएगी।
बैठक में अशोक गहलोत व हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भाखड़ा ब्यास मैनेजमैंट बोर्ड में हिस्सेदारी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि बीबीएमबी का सीधा संबंध राजस्थान और हिमाचल से होने के बावजूद आजतक इन राज्यों को यहां स्थाई सदस्यता नहीं मिल पाई है। जिसके चलते बिजली व जल वितरण में दोनों राज्य अपना पक्ष मजबूती से नहीं रख पाते हैं। बीबीएमबी के पहले से स्थाई सदस्य हरियाणा और पंजाब द्वारा इस मांग का विरोध नहीं करने पर गृहमंत्री अमित शाह ने अशोक गहलोत व जयराम ठाकुर को आश्वस्त किया कि वह प्रस्ताव बनाकर भेंजे जिस पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
बैठक में मौजूद सभी मुख्यमंत्रियों ने ड्रग्स की बढ़ती तस्करी व युवाओं के नशे की चपेट में आने के मुद्दे को उठाया। सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इस मामले पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट भी गृहमंत्री के समक्ष पेश की, लेकिन सभी ने एक सुर में कहा कि राज्य सरकारों द्वारा किए जा रहे प्रयास काफी नहीं हैं। इस मामले में और अधिक कार्रवाई की जरूरत है। जिसके बाद पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नेशनल ड्रग्स पॉलिसी बनाने का सुझाव पेश किया। जिस पर लगभग सभी मुख्यमंत्रियों व मुख्य सचिवों द्वारा सहमति जताई गई। अमित शाह ने केंद्र की तरफ से हर संभव सहयोग का आश्वासन देते हुए कहा कि राष्ट्रीय ड्रग्स पॉलिसी के तहत ही राज्यों में ड्रग्स माफिया के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा।

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