देहरादून। उत्तराखंड के राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने प्रोफेसर नंदकिशोर जोशी को कुमाऊं विश्वविद्यालय का नया कुलपति नियुक्त किया है। प्रोफेसर नंदकिशोर जोशी कुलपति पद पर नियमित नियुक्ति हुई है। प्रोफ़ेसर एनके जोशी इससे पहले उत्तरांचल यूनिवर्सिटी देहरादून के कुलपति के पद पर कार्यरत थे। वे कुमाऊं विश्वविद्यालय के 29वें कुलपति होंगे। प्रोफेसर जोशी को 3 वर्ष के लिए कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति के पद पर नियुक्त किया गया है। प्रोफेसर जोशी मूलतः अल्मोड़ा जनपद के निवासी हैं उन्होंने कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल से 1981 में भौतिकी में स्नातकोत्तर की परीक्षा पास की है।
प्रो. एनके जोशी की नियुक्ति को लेकर विवाद शुरू होने लगा है। बताया जाता है कि कुलपति की रेस में प्रो दिनेश सकलानी सबसे ऊपर थे, लेकिन ईमानदार छवि होने के कारण उनको दरकिनार कर प्रोफेसर जोशी को कुलपति बनाया गया है। प्रोफेसर जोशी की शैक्षिक योग्यता एवं अनुभव को लेकर प्रश्न चिन्ह लगाए जा रहे हैं तथा प्रोफेसर जोशी की नियुक्ति को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी की जा रही है।
कुमाऊं विश्वविद्यालय में कुलपति पद पर हुई नियुक्ति को लेकर विरोध करने वालों का कहना है कि प्रोफेसर नंदकिशोर ने अपनी अधिकांश सेवाएं निजी संस्थानों में दी हैं। प्रोफेसर जोशी ने नियमित वेतनमान, 10000 ग्रेड पर शासकीय विश्वविद्यालय में सेवा नहीं दी है उन्होंने निजी संस्थानों में प्रोफेसर पद पर अधिकतर नियुक्तियां एक नियत वेतन में दी जाती हैं।
बता दें दून विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर चन्द्रशेखर नौटियाल की नियुक्ति को लेकर कोर्ट में चुनौती दी गई थी इसके बाद उनको हटाया गया, क्योंकि प्रोफेसर नौटियाल ने भी 10 वर्ष तक नियमित वेतन पर कार्य नहीं किया था जिसे कोर्ट में चुनौती दी गई और कोर्ट के फैसले के बाद उनकी बर्खास्तगी की गई।
जानकारों का मानना है कि के प्रोफेसर जोशी की नियुक्ति को लेकर भी विवाद खड़ा होगा और मामले को कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। इस नियुक्ति से प्रदेश के विश्वविद्यालयों की प्रतिष्ठा और कामकाज पर प्रभाव पड़ेगा।