मुंबई। ईडी ने दाऊद इब्राहिम मनी लान्ड्रिंग मामले में महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद राकांपा नेता मलिक को PMLA कोर्ट में पेश किया गया। अदालत ने नवाब मलिक को तीन मार्च तक के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया है। ईडी ने अदालत से मलिक की 14 दिनों की हिरासत मांगी थी। इस बीच शिवसेना नेता संजय राऊत ने कहा है कि राज्य सरकार मलिक का मंत्री पद से इस्तीफा नहीं लेगी।
वहीं PMLA कोर्ट में नवाब मलिक ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी सुबह मेरे घर आए और मुझे ईडी कार्यालय ले गए। इसके बाद मुझे हिरासत में लिया और मेरा बयान दर्ज किया।
ईडी द्वारा नवाब मलिक की गिरफ्तारी के बाद सियासत शुरू हो गई है। गिरफ्तारी के बाद बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार से शाम को फोन पर बात की है। तृणमूल कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक ममता ने इस दौरान पवार के साथ एकजुटता दिखाते हुए एनसीपी नेता की गिरफ्तारी पर केंद्र के प्रति नाराजगी जताई। ममता ने पवार से कहा कि भाजपा नीत मोदी सरकार द्वारा ईडी, सीबीआइ व अन्य केंद्रीय एजेंसियों का विपक्षी दलों के खिलाफ लगातार इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने इसके खिलाफ सभी विपक्षी दलों से एकजुट होकर लड़ाई लड़ने की जरूरत पर बल दिया।
अधिकारियों के मुताबिक, 62 वर्षीय मलिक को सुबह करीब आठ बजे पूछताछ के लिए दक्षिण मुंबई स्थित ईडी कार्यालय में लाया गया था, करीब छह घंटे चली पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और स्थानीय पुलिस की सुरक्षा में ईडी अधिकारियों द्वारा मेडिकल चेकअप के लिए ले जाए जाने के पहले मलिक ने मीडिया के समक्ष मुस्कराकर मुट्ठी बांधी, हाथ हिलाया और वाहन के अंदर से ही कहा, ‘हम लड़ेंगे, जीतेंगे और सभी को बेनकाब करेंगे।’
अधिकारियों का कहना है कि उनका बयान प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत दर्ज किया गया है। उन्हें इसी के प्रविधानों के तहत गिरफ्तार किया गया है क्योंकि वह जवाब देने से बच रहे थे। मुंबई में विस्फोटों के दोषियों के साथ कुछ संपत्तियों के सौदों में मलिक के कथित लिंक पर केंद्रीय जांच एजेंसी की नजर थी और इसीलिए उनसे पूछताछ जरूरी हो गई थी।
ईडी की यह कार्रवाई नया मामला दर्ज करने और दाऊद इब्राहिम के सहयोगियों से जुड़े कथित गैरकानूनी संपत्ति सौदों और हवाला लेनदेन समेत अंडरवर्ल्ड की गतिविधियों से जुड़े मामले में 15 फरवरी को मुंबई में मारे गए छापों के बाद की गई है। ये छापे 10 स्थानों पर मारे गए थे जिनमें दाऊद की दिवंगत बहन हसीना पारकर, भाई इकबाल कासकर, सलीम कुरैशी उर्फ सलीम फ्रूट और गैंगस्टर छोटा शकील के एक रिश्तेदार के परिसर शामिल थे। पहले से ही जेल में बंद कासकर को जांच एजेंसी ने पिछले हफ्ते गिरफ्तार किया है। एजेंसी ने सलीम कुरैशी और पारकर के पुत्र से भी पूछताछ की। ईडी का यह मामला राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) द्वारा हाल ही में दाऊद और अन्य के खिलाफ दर्ज एफआइआर और उसकी अपनी स्वतंत्र खुफिया जानकारियों पर आधारित है।
मलिक की पार्टी और राकांपा नेताओं ने आरोप लगाया कि ईडी के अधिकारी सुबह छह बजे ही उन्हें उनके घर से अपने साथ ले गए थे। मलिक के कार्यालय ने ट्वीट कर बताया कि उनके साथ उनके वकील बेटे आमिर मलिक भी साथ गए थे। एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘न डरेंगे न झुकेंगे। 2024 के लिए तैयार रहिए।’ महाराष्ट्र सरकार में राकांपा की सहयोगी शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा, ‘मुझे लगता है कि यह महाराष्ट्र सरकार को चुनौती है.. वे (केंद्रीय एजेंसियां) जांच करने के लिए स्वतंत्र हैं.. पुराने मुद्दे उखाड़े जा रहे हैं, लेकिन आपको याद रखना चाहिए कि 2024 के बाद आपकी भी जांच होगी।’
नवाब मलिक पिछले कुछ महीनों से खबरों में रहे हैं जब उन्होंने मुंबई के नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े के खिलाफ कई निजी और सर्विस से जुड़े आरोप लगाए थे, हालांकि वानखेड़े ने उन आरोपों से इन्कार किया था। मलिक ने ये आरोप पिछले साल अक्टूबर में कोर्डेलिया क्रूज पर एनसीबी छापे के तुरंत बाद लगाए थे जिसमें अभिनेता शाह रुख खान के पुत्र आर्यन खान समेत 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
मलिक के दामाद को भी किया था गिरफ्तार
इसके बाद एनसीबी के दिल्ली स्थित मुख्यालय ने मुंबई जोन द्वारा की जा रहीं छह जांचों को अपने हाथ में ले लिया था और फिर उन्हें दिल्ली स्थित विशेष जांच दल (एसआइटी) को स्थानांतरित कर दिया था। यही नहीं, कोर्डेलिया क्रूज केस में वसूली के आरोप लगने के बाद वानखेड़े और उनकी टीम की भूमिका जांचने के लिए सतर्कता जांच के आदेश भी दिए गए थे। ड्रग्स के एक मामले में पिछले साल एनसीबी की मुंबई इकाई ने नवाब मलिक के दामाद समीर खान को भी गिरफ्तार किया था।