उत्सव प्रधान देश भारत में कोविड-19 के टीके से पहले कोरोना पर ‘दो शब्द’ का आयोजन होगा तय मानिए जिसमें आधा शब्द वैज्ञानिकों के आभार और पूरे डेढ़ शब्द स्थानीय नेताजी की शान में खर्च होना स्वाभाविक है, जो नेता किसी जमाने में पोलियो की दो बूंद पिलाते हुए फोटो खिंचवाने से वंचित रह गए उनके लिए यह स्वर्णिम मौका है……
उत्सव प्रधान हमारे देश में बस कल्पना ही की जा सकती है कि जिस कोरोना ने हमें साल भर छकाया, हमारी अर्थव्यवस्था को ध्वस्त किया उसे मात देने वाली वैक्सीन के आगमन पर कैसे हालात बनेंगे? आखिर टीकाकरण के दौरान कैसा मंजर दिखेगा? जहां रेलगाड़ी भी हरी झंडी दिखाए बिना आगे नहीं बढ़ती वहां वैक्सीन का आगाज भी फीता काटकर होना तय मानिए। शहरों में जहां टीकाकरण की व्यवस्था होगी वहां निश्चित ही नेताओं के पोस्टर, मंच, माइक और माला वैक्सीन के वेलकम में सजाए जाएंगे।
हर टीकाकरण बूथ पर टीके से पहले कोरोना पर ‘दो शब्द’ का आयोजन तो होगा ही। जिनमें भी आधा शब्द वैज्ञानिकों के आभार और पूरे डेढ़ शब्द स्थानीय नेताजी की शान में खर्च होंगे। जो नेता किसी जमाने में पोलियो की दो बूंद पिलाते हुए तस्वीर खिंचवाने से वंचित रह गए वे इस आपदा में आए अवसर को लपककर ही मानेंगे। हर मामले में आगे रहने वाला बॉलीवुड भला वैक्सीन के मामले में पीछे क्यों रहेगा। मनीष मल्होत्रा सितारों की वैक्सीन लगवाने के अवसर पर पहनी जाने वाली ड्रेस डिजाइन करेंगे। दो हीरोइनें ट्विटर पर लड़ाई करते भी देखी जा सकती है। वैक्सीन को राजधानी से जिलों तक लोडिंग वाहन में लेकर जाने वाला ड्राइवर विधायकों को रिसॉर्ट लेकर जाने वाली बस के ड्राइवर सा फील कर रहा होगा।
यह बात अलग है कि गांवों में सड़क, बिजली,पानी आने में दशकों लग गए, लेकिन वैक्सीन तो समय पर आ ही जाएगी ! हां, यह अलग है कि तिमंजले मकान वाले बीपीएल कार्ड धारी स्वयंभू गरीब परिवार वंचित बनकर दवा पर पहले दावा करते दिखें तो हैरान मत होना।वहीं गधे की लीद में मसाला व्यापार खोजने वाले मिलावटखोर वैक्सीन से आत्मनिर्भर होने की कारस्तानी को अंजाम देने की फिराक में होंगे।
उधर फेक मैसेज इंडस्ट्री भी अपना उल्लू सीधा करने से बाज नहीं आएगी। अनजान नंबरों से वैक्सीन वाली लॉटरी के फोन घनघनाएंगे। थानों में रजिस्टर वैक्सीन लूटते चार आरोपी गिरफ्तार,वैक्सीन के नाम पर ऑनलाइन धोखाधड़ी का मामला सामने आया, छापा मारकर नकली वैक्सीन बनाने की लैब का भंडाफोड़, प्रेमी ने प्रेमिका को वैक्सीन का झांसा देकर जाल में फंसाया आदि शीर्षक से समाचार मीडिया में भरें पड़े होंगे।
यदि चाइना से वाया अमेरिका वाली पतली गली से चाइनीज वैक्सीन आ गई तो दिल्ली में लालकिला,मुंबई में चोर बाजार, इंदौर में राजवाड़ा, हैदराबाद में चारमीनार,लखनऊ में अमीनाबाद के ठेलों पर वैक्सीन के ढेर लगे होंगे। ऐसे में चाइनीज झालरों के बायकॉट में चीनी वैक्सीन की भागीदारी भी शामिल हो जाएगी। आपदा में अवसर के रूप में कोरोना के वेलकम में इलाज की रेट लिस्ट जारी करने वाले ब्रांडेड अस्पताल वैक्सीन पैकेज के प्रचार-प्रसार में जुटे होंगे। ये अस्पताल अपना खुद का बैंक भी खोल सकते है! वैक्सीन लगवाने को अपने ही बैंक से लोन देंगे,फिर अपने ही अस्पताल में वो पैसा जमा करके अपने ही बैंक में ट्रांसफर कर देंगे। इससे अर्थव्यवस्था को गति भी मिलती रहेगी।
इस बीच ‘बाय वन गेट वन फ्री’ वाले ऑफरों की जगह फ्री वैक्सीन का बाजार ले लेगा। वैक्सीन के लालच में फलां पार्टी के चार विधायक ढिमका पार्टी में शामिल हुए जैसी खबरें सुनकर कोई अचरज नहीं होगा। सबसे महत्वपूर्ण तो नामी गिरामी स्कूल वाले अपनी तय की हुई जगहों से ही वैक्सीन लगवाने के लिए अड़ जाएंगे। बेरोजगारों को नौकरी पहले मिलेगी या टीका,यह समय ही बताएगा। नई नौकरियों के विज्ञापन में डिग्री से पहले वैक्सीन जरूरी की शर्त आ गई मतलब गई भैंस पानी में।
वैवाहिक विज्ञापनों में लड़का गोरा-काला नहीं वैक्सीन वाला देखा जाएगा। घर में काम वाली बाई से लेकर कार का ड्राइवर और लॉन का माली तक टीका लगा हुआ रखा जाएगा। जो सब्जी वाला पहले वैक्सीन लगवा लेगा वह प्याज पर 5 रुपये किलो वैक्सीन चार्ज लगाकर सब्जी बेचेगा,ऐसे ही ऐसे दूध वाले का मिलावटी दूध भी मंजूर होगा। सब फेसबुक-ट्विटर-इंस्टाग्राम पर टीके के बाद वाली फोटो डालने की होड़ में होंगे।और तो और ट्रक के पीछे ‘सावन को आने दो’ के बजाय ‘वैक्सीन को आने दो’ लिखा जाएगा।
कमल किशोर डुकलान, रुड़की (हरिद्वार)