देहरादून। उत्तराखंड में सरकारी मेडिकल कालेजों में एमबीबीएस पाठ्यक्रम का शुल्क कम हो गया है। छात्रों को अब वार्षिक शुल्क चार लाख के बजाय 1.45 लाख रुपये देना होगा।

चिकित्सा शिक्षा सचिव डा पंकज कुमार पांडेय ने इस संबंध में शनिवार को आदेश जारी किया। यह शुल्क नान बांडेड एमबीबीएस छात्रों के लिए लागू होगा। राज्य मंत्रिमंडल ने छात्रों को राहत देने के लिए यह निर्णय किया था। आदेश में कहा गया कि अनिवार्य राजकीय सेवा बांडे हस्ताक्षरित नहीं करने वाले नान बांडेड एमबीबीएस छात्रों के लिए पहले चार लाख रुपये वार्षिक शिक्षण शुल्क लागू किया गया था। इसे घटाकर अब 1.45 लाख रुपये किया गया है। इसके साथ ही घटा शुल्क तत्काल प्रभाव से लागू होगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विभिन्न केंद्र पोषित योजनाओं की समीक्षा के दौरान योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक लोगों तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए कारगर एवं समेकित प्रयास किए जाएं।

शनिवार को आवास में मुख्यमंत्री ने जिन योजनाओं की समीक्षा की, उनमें अटल आयुष्मान योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण, प्रधानमंत्री आवास योजना, शहरी, पीएम स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर योजना, स्वामित्व योजना प्रमुख हैं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री द्वारा होम स्टे योजना, ट्रेकिंग ट्रेक्शन सेंटरों की स्थापना एवं एसडीआरएफ की कार्ययोजना की भी समीक्षा की गई।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनंद वद्र्धन, अपर प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, सचिव शैलेश बगोली, दिलीप जावलकर, रविनाथ रमन, चंद्रेश कुमार, अपर सचिव अरुणेंद्र सिंह चौहान के साथ ही अन्य अधिकारी उपस्थित थे।